रामपुर: आजम खां की 46 साल की सियासत 42 दिन में खत्म, 95 मुकदमों की पैरवी में उलझे रहेंगे

रामपुर, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां की 46 साल की सियासत भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा होने और विधायकी जाने के 42 दिन बाद उपचुनाव का परिणाम भाजपा के पक्ष में आते ही एक झटके में खत्म हो गई। वे अपने सिपहसालार सपा प्रत्याशी आसिम राजा की सीट बचा ले जाते तो वर्चस्व कायम रह सकता था। एक तरफ वे अब 95 मुकदमों की पैरवी में उलझे रहेंगे, वहीं सपा संगठन से भी वह अलग-थलग से पड़े हुए हैं।
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उनकी ताकत उनके इलाके के लोग थे, लेकिन इस बार उनके इमोशनल कार्ड पर भी मुसलमान मतदाता नहीं पसीजे और उन्होंने ही उनसे अलग होकर भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना के हाथ में उनकी 33 साल पुरानी शहर विधानसभा सीट सौंप दी। भड़काऊ भाषण मामले में एमपी-एएमएलए कोर्ट ने 27 अक्टूबर को पूर्व मंत्री आजम खां को तीन साल की कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद 28 अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष ने आजम खां की विधायकी रद कर दी।
इसके बाद उनका मताधिकार भी छिन गया और केंद्रीय चुनाव आयोग ने उप चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। हालांकि, चुनाव आयोग द्वारा उप चुनाव कराए जाने के लिए की गई जल्दबाजी के विरोध में आजम खां कोर्ट में चले गए थे लेकिन, उप चुनाव की तारीखें टाली नहीं गईं और मतदान पांच दिसंबर को हो गया। उप चुनाव के दौरान हुई जनसभाओं में ‘अब्दुल’वाला जुमला भी खूब चर्चा में रहा। भाजपा के दिग्गज नेताओं ने ‘अब्दुल’को खूब मान-सम्मान दिया और मंच पर जगह भी दी।
दो दिसंबर को योगी आदित्यनाथ रामपुर आए और मंच पर अब्दुल को भी जगह मिली। जिसपर आजम खां ने पलटवार करते हुए कहा कि जो भाजपा के लोग हैं वह दरी बिछा रहे हैं और गो हत्यारों को भाजपा के मंच पर जगह दी जा रही है। इसके अलावा आजम खां ने कहा कि अब्दुल दरी नहीं लगाएगा बल्कि पोंछा लगाएगा। इसके अलावा आजम खां ने प्रशासन को निशाने पर लिया और उनकी जुबान फिसल गई जिसके कारण उन पर दो मुकदमें और लग गए। फिलहाल 95 मुकदमों की पैरवी उन्हें भारी पड़ेगी।
लोकसभा के बाद विधानसभा की सीट भी गई
पूर्व मंत्री आजम खां ने वर्ष 2019 में विधानसभा सीट से त्यागपत्र देकर लोकसभा चुनाव लड़ा था और भाजपा प्रत्याशी फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा को करारी शिकस्त दी थी। वर्ष 2019 में हुए उप चुनाव में अपनी पत्नी डा. तजीन फात्मा को शहर सीट से उप चुनाव लड़ाया और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी भारत भूषण को करीब सात हजार वोटों से शिकस्त दी। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आजम खां ने सीतापुर जेल से चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को करीब 55 हजार मतों से शिकस्त दी।
जून 2022 में हुए लोकसभा उप चुनाव में आजम खां ने अपने करीबी सपा के शहराध्यक्ष आसिम राजा को चुनाव मैदान में उतारा लेकिन, वह सीट नहीं बचा पाए भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने उन्हें शिकस्त देकर उप चुनाव जीत लिया। आजम खां की विधायकी जाने के बाद हुए उप चुनाव में भी आजम खां ने सपा का टिकट आसिम राजा को दे दिया और उन्हें भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने 34136 वोटों से हराकर इतिहास रच दिया।