कश्मीर पंडितों की हत्या: 'सामूहिक हत्या' पर क्यूरेटिव याचिका को SC ने किया खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 1989-1990 में घाटी में कश्मीरी पंडितों की कथित सामूहिक हत्या की जांच की मांग वाली याचिका को खारिज करने के अपने 2017 के आदेश पर पुनर्विचार की मांग वाली उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिका को खारिज कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कोई मामला नहीं बनता।
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पीठ ने कहा, हमने उपचारात्मक याचिका और इससे जुड़े दस्तावेजों को देखा है। हमारी राय में, रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा मामले में इस न्यायालय के फैसले में बताए गए मापदंडों के भीतर कोई मामला नहीं बनता है। उपचारात्मक याचिका खारिज की जाती है।
पीठ में न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर भी शामिल हैं। कश्मीरी पंडितों के संगठन, रूट्स इन कश्मीर द्वारा दायर उपचारात्मक याचिका में कहा गया था कि शीर्ष अदालत ने 2017 में शुरुआती चरण में रिट याचिका को केवल इस अनुमान के आधार पर खारिज कर दिया था कि इसमें संदर्भित उदाहरण 1989-1990 से संबंधित हैं और किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी क्योंकि इतना समय बीतने के बाद साक्ष्य उपलब्ध होने की संभावना नहीं है।
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