अयोध्या : हजारों वर्षाें से गौरवशाली रहा है सिंध का इतिहास

भाषा, साहित्य और संस्कृति के लिए अध्ययन केंद्र और अनेक आयाम जोड़ेगा

अयोध्या : हजारों वर्षाें से गौरवशाली रहा है सिंध का इतिहास

गौरवशाली सिंधु संस्कृति व वाह्य आक्रमण विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई

अमृत विचार, अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में अमर शहीद संत कंवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र की ओर से गौरवशाली सिंधु संस्कृति और वाह्य आक्रमण विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई।   मुख्य वक्ता राष्ट्रवादी चिंतक डा. राधेश्याम शुक्ल ने कहा कि सिंध का इतिहास हज़ारों वर्षाें से गौरवशाली रहा है।

सिंधु नदी के तट पर संसार के प्राचीनतम ग्रंथ वेद रचे गए, शून्य का प्रादुर्भाव भी इसी भूमि पर हुआ और विश्व की प्राचीन सभ्यता सिंधु घाटी का क्षेत्र भी यहीं है। उन्होंने कहा कि सिंध का समाज अपने अस्तित्व के लिए आरम्भ से लड़ता रहा है। अध्यक्षता सिंधी सेंट्रल पंचायत, रामनगर के मुखिया ओमप्रकाश अंदानी ने की। विशेष अतिथि सिंधु सेवा समिति के अध्यक्ष मोहन मंध्यान रहे।

उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ओमी ने कहा कि ऐसे आयोजन नौजवानों में प्राण फूंकते हैं। अमर शहीद संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र के मानद निदेशक प्रो. आरके सिंह ने बताया कि भविष्य में सिंध समाज के बीच जाकर भाषा, साहित्य और संस्कृति के लिए अध्ययन केंद्र और अनेक आयाम जोड़ेगा।

सलाहकार ज्ञानप्रकाश टेकचंदानीसरल ने सिंधी युवाओं से सिंधी संस्कृति के संरक्षण के लिए सिंधी विषय से अध्ययन की अपील की। इस मौके पर सिंधी काउंसिल ऑफ इण्डिया के जिलाध्यक्ष डा. महेश सुरतानी, महामंत्री पवन जीवानी, युवा शाखा के महामंत्री नरेंद्र क्षेत्रपाल, जेबी बाल सदन की प्रिंसिपल अंजलि ज्ञाप्रटे, संस्कृति कर्मी विश्वप्रकाश रूपन, मुखिया देवकुमार क्षेत्रपाल, धर्मपाल रावलानी अमृत राजपाल मौजूद रहे 

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