खेत में ही फसल अवशेष प्रबंधन कर करें अधिक पैदावार: वीपी शाही

खेत में ही फसल अवशेष प्रबंधन कर करें अधिक पैदावार: वीपी शाही

बहराइच। फसल अवशेष प्रबंधन के तहत ग्राम कटहा में कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम द्वारा जिले के विभिन्न विकास खंडो में गेहूं की विभिन्न बीज ड्रिल एवं सुपर शीडर मशीनों द्वारा कैसे बुआई करें। इसके लिए खेत में जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक डॉ. नीरज सिंह द्वारा सीधी बिजाई का प्रदर्शन कर कृषको के क्षेत्र में ही कराया जा रहा है।

केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ बी पी शाही ने कृषको को बताया कि जिले में मानसून के आखिर में हुई बरसात के कारण धान की फसल की कटाई में देरी हो रही है, जिसके कारण गेहूँ की बुवाई भी पिछड़ रही है। ऐसे में उम्मीद है कि गेहूँ की बुवाई दिसंबर के आखिरी हफ्ते या जनवरी के पहले हफ्ते तक ही पूरी हो पाए। देर से बोआई के चलते इसका असर गेहूँ के उत्पादन पर जरूर पड़ेगा। किसान आपने  खेतों की जुताई किए बिना गेहूं की सीधी बुवाई विभिन्न मशीनों से जैसे कि जीरो टीलैज, हैप्पी सीडर अथवा सुपर सीडर से करते हैं तो अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

केंद्र के वैज्ञानिक डॉ शैलेंद्र सिंह ने बताया कि गेहूं के उन्नत क़िस्मों जैसे कि डी बी डब्ल्यू 222 और डी बी डब्ल्यू  187 का चयन समय पर बुवाई के लिए करें तथा डी बी डब्ल्यू 173 व एचडी 3271 का चयन देर से बुवाई के लिए करें। डॉ पी के सिंह ने बताया कि मशीनों द्वारा लाइक में बुवाई करने से तेज हवा चलने की दशा में गेहूं के पौधों को कोई नुकसान नहीं होता है, साथ ही अनावश्यक रूप से जुताई ना करने से खरपतवार भी पैदा ना के बराबर होते हैं।

डॉ नीरज सिंह ने जीरो टिलेज, हैप्पी सीडर व सुपर सीडर को खेतों में चलाने की सही विधि के साथ साथ बरती जाने वाली सावधानियों से किसानों को अवगत कराया। डॉ नंदन सिंह ने किसानों को गेहूँ की बुवाई से पहले अपने खेत की जांच की सलाह दी तथा उसी के अनुरूप रसायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया।  डॉ अरुण कुमार ने खेत में बचे फसल अवशेषों पर पूसा डीकंपोजर का छिड़काव कर खेत में मिलाने की सलाह दी।

सुनील कुमार द्वारा गेहूँ के बीजों का उपचार करने के पश्चात ही बिजाई करने की सलाह दी। जिससे बीज जनित रोगों से बचा जा सकता है। साथ ही उन्होंने ने किसानों को अधिकृत बीज भण्डारो  से ही बीज खरीदने की सलाह दी। फार्मर चेंज एजेंट रईस खान ने कृषि विज्ञानं केंद्र द्वारा चलाए जा रहे हैं विभिन्न फसल अवशेष प्रबंधन के कार्यक्रमों से अवगत कराया और किसानों को बड़ी संख्या में इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया।