इटावा : जनता कालेज बकेवर में कार्यशाला में भाग लेते प्राध्यापक एवं युवा
लघु उद्योग आधारित व्यवसाय अपनाकर आत्मनिर्भर बनें युवा, सामाजिक उद्यमिता एवं कौशल विकास पर कार्यशाला

अमृत विचार, इटावा। देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि संबंधी एवं अन्य क्षेत्रों में लघु उद्योग आधारित व्यवसाय अपनाने होंगे। व्यावसायिक शिक्षा विद्यार्थियों में कौशल निर्माण कर रोजगार योग्यता का मार्ग प्रशस्त करेगी । उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों का स्वयं सहायता समूह बनाना, उद्यमिता और कौशल निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
देश के युवा को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि सम्बंधी एवं अन्यक्षेत्रों में लघु उद्योग आधारित व्यवसाय अपनाने होंगे। महात्मा गाँधी ग्रामीण शिक्षा परिषद के तत्वावधान में सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जनता कालेज बकेवर में रोजगार परक कौशल निर्माण कार्यक्रम में प्राचार्य डा राजेश किशोर त्रिपाठी ने यह बात कही। कहा कि उद्यमिता विकास की दिशा मेंव्यावसायिक शिक्षा का कदम आर्थिक विकास को गति प्रदान कर सकता है।
एमजीएनसीआरई के विशेषज्ञ पी सुधीर कुमार ने बताया कि परिषद देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ जुड़कर व्यवसायिक शिक्षा, रोजगार के लिए कौशल, सतत विकास, ग्रामीण व सामाजिक उद्यमिता को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहा है। डॉ ललित गुप्ता ने कहा कि एक अच्छे उद्यमी में क्या गुण होने चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम संयोजक डा. अशोक कुमार पांडेय ने ने बताया कि कृषि में उद्यमिता की अपार संभावनाएं हैं। करोना काल में सभी उद्योग घाटे में चल रहे थे। उस वक्त कृषि में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्जकी गई।
कृषि में उद्यान,डेयरी, सीड प्रोसेसिंग आदि सेक्टर में हम खुद दम लगा कर लोगों को रोजगार प्रदान कर सकते हैं। डॉ संजीव कुमार ने बताया कि उद्यानिकी में फल, फूल एवं सब्जियों की नर्सरी उगाकर अधिक आय का प्रबंधन किया जा सकता है। जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं संचित हैं। कार्यशाला श्रंखला में डॉ. मनोज यादव ने बताया कि अतिरिक्त आय स्रोत के लिए मशरूम उत्पादन एक उत्तम रोजगार परक उद्यमिता है। जिसको स्वयं सहायता समूह अच्छे ढंग से कर सकते हैं।
कार्यशाला में इटावा के 10 महाविद्यालयों से आए प्राध्यापकों ने लघु उद्योगों एवं कृषि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए व्याख्यान प्रस्तुत किए। आयोजक सचिव डॉ एमपी सिंह ने कहा कि वर्तमान हालात में प्रत्येक शिक्षित युवा को सरकारी नौकरी प्रदान नहीं की जा सकती है, उन्हें रोजगार परक बनना होगा । कार्यशाला में डा एम पी यादव, डॉ संजय कुमार विश्वकर्मा, डॉ पी के राजपूत, डॉ डी एन सिंह, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ योगेश यादव, डॉ औसान सिंह, डॉ शिवमंगल, डॉ रामशंकर, डॉ हर्ष मौर्य, योगेंद्र पांडे, अवनीश कुमार आदि ने सहभागिता की। [