चित्रकूट : केंद्र की टीम जिले में और चिकित्सक लिख रहे बाहर की दवा

अमृत विचार, चित्रकूट। सरकारी तंत्र अपने हिसाब से काम करता है। उस पर यह फर्क नहीं पड़ता कि हालात क्या हैं और कब क्या करना चाहिए। पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को कुछ इसी तरह का वाक्या हुआ। यहां एक चिकित्सक पर आरोप है कि उसने मरीज के तीमारदार को बाहर से दवाएं लाने …
अमृत विचार, चित्रकूट। सरकारी तंत्र अपने हिसाब से काम करता है। उस पर यह फर्क नहीं पड़ता कि हालात क्या हैं और कब क्या करना चाहिए। पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को कुछ इसी तरह का वाक्या हुआ। यहां एक चिकित्सक पर आरोप है कि उसने मरीज के तीमारदार को बाहर से दवाएं लाने के लिए कहा। यह भी तब जब जिले में केंद्र सरकार की टीम स्वास्थ्य सेवाओं की वस्तुस्थिति जानने आई हुई है।
मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे चौरा निवासी दीपक ने बताया कि वह अपनी चार माह की बेटी को लेकर इलाज कराने पहुंचा था। जब उसने इसे चिकित्सक को दिखाया तो उसका आरोप है कि उसने नाम लेकर एक मेडिकल स्टोर से दवा लाने को लिख दिया। जब उसने पैसे की वजह से असमर्थता जताई तो चिकित्सक ने नहीं सुना। उसने बताया कि इसके बाद वह बाहर दो-तीन मेडिकल स्टोरों पर गया पर उसे वह दवा तब भी नहीं मिली।
सरकारी अस्पतालों ऐसा तब है, जब जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को परखने केंद्र से स्वास्थ्य विभाग की कामन रिव्यू टीम डा. हिमांशु भूषण के नेतृत्व में जिले के दौरे पर आई हुई है। उधर, इस संबंध में सीएमओ डा. भूपेश द्विवेदी ने बाद में बात करने की बात कहकर फोन काट दिया। बताया तो यह भी जाता है कि जब यह घटना हुई तो जिले की कोई टीम भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में थी।
चिकित्सक ने किया इंकार
इस संबंध में जब डा. हिमांशु से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह उनकी लिखी दवा ही नहीं है और उन्होंने यह पर्चा नहीं लिखा है। उन्होंने बताया कि वह तो आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में थे ही नहीं। दीपक ने भी बताया कि उसे भी डाक्टर का नाम कन्फर्म नहीं है। गौरतलब है कि डीएम इस संबंध में कई बार कह चुके हैं कि अस्पतालों में चिकित्सक का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज कराया जाए पर ऐसा नहीं किया जा रहा।
डीएम भी जारी कर चुके हैं निर्देश
स्वास्थ्य संबंधी बैठकों में डीएम अभिषेक आनंद भी कई बार चेता चुके हैं कि किसी भी हालत में बाहर से दवा लाने के लिए न लिखा जाए। इसके बाद भी ऐसे मामले अक्सर सामने आते हैं, जो चिंता का विषय हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी उदय सिंह ने बताया कि हमारे दवा का आर्डर भेजा गया है पर अभी तक आ नहीं पाई है। दवा काफी कम कीमत की है और मरीज को लगानी बहुत जरूरी थी, इसलिए ही इसे बाहर से लाने के लिए लिखा गया था।
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