11वीं शरीफ पर कानपुर में शान से निकाला गया जुलूस-ए-गौसिया, पूरे शहर में गूंजी अल मदद की आवाज

11वीं शरीफ पर कानपुर में शान से निकाला गया जुलूस-ए-गौसिया, पूरे शहर में गूंजी अल मदद की आवाज

कानपुर। वाह क्या मर्तबा ऐ गौस है बाला तेरा, ऊंचे ऊंचों के सिरों से है कदम आला तेरा… ग्यारहवीं शरीफ पर हजरत गौसे आजम शेख अब्दुल कादिर जिलानी की याद में निकाले गए जुलूस ए गौसिया में पूरे शहर में नारे बुलंद हो रहे थे। अल मदद अल मदद या गौस अल आजम अल मदद …

कानपुर। वाह क्या मर्तबा ऐ गौस है बाला तेरा, ऊंचे ऊंचों के सिरों से है कदम आला तेरा… ग्यारहवीं शरीफ पर हजरत गौसे आजम शेख अब्दुल कादिर जिलानी की याद में निकाले गए जुलूस ए गौसिया में पूरे शहर में नारे बुलंद हो रहे थे। अल मदद अल मदद या गौस अल आजम अल मदद की आवाज गूंज रही थी। अकीदतमंद हाथों हरे झंडे लिए गौस-ए-आजम की शान बयां करते चल रहे थे।

ग्यारहवीं शरीफ पर गौस-ए-आजम हजरत अब्दुल कादिर जीलानी की याद में कर्नलगंज, बाबूपुरवा, शारदा नगर, फेथफुलगंज, रेलबाजार से जुलूस-ए-गौसिया निकले गए। इस दौरान बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए है। ग्यारहवीं शरीफ पर जलसे आयोजित कर हजरत गौस-ए-आजम की शान बयां की गई। घरों, खानकाहों, व मस्जिदों में नजर दिलाकर तबर्रुक बांटा गया।

बड़े पीर साहब के नाम से मशहूर गौस-ए-आजम हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी की याद में अरबी महीने रबी-उस्सानी की ग्यारह तारीख को ग्यारहवीं शरीफ मनाई जाती है। ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर सोमवार को आल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा व अंजुमन गौसिया ने कर्नलगंज तिकुनिया पार्क से जुलूस-ए-गौसिया निकाला। जुलूस निर्धारित रास्तों से होता हुआ कर्नलगंज में समाप्त हुआ। फेथफुलगंज से निकले गए जुलूस में शहरकाजी भी शामिल रहे हैं।

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