जलवायु सम्मेलन में शामिल नहीं होने के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के फैसले की हो रही आलोचना

जलवायु सम्मेलन में शामिल नहीं होने के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के फैसले की हो रही आलोचना

लंदन। मिस्र में होने वाले आगामी जलवायु शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के फैसले और सरकार द्वारा महाराजा चार्ल्स तृतीय को इसमें शामिल होने से रोकने की दुनिया भर में कई लोगों ने आलोचना की है। आलोचकों का आरोप है कि सुनक जलवायु संकट से निपटने के संबंध में …

लंदन। मिस्र में होने वाले आगामी जलवायु शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के फैसले और सरकार द्वारा महाराजा चार्ल्स तृतीय को इसमें शामिल होने से रोकने की दुनिया भर में कई लोगों ने आलोचना की है। आलोचकों का आरोप है कि सुनक जलवायु संकट से निपटने के संबंध में ब्रिटेन की प्रतिबद्धता से अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं।

जलवायु शिखर सम्मेलन (सीओपी27) मिस्र के शर्म अल-शेख में छह नवंबर से 18 नवंबर के बीच आयोजित होगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था कि विभिन्न प्रतिबद्धताओं के कारण प्रधानमंत्री सुनक के मिस्र में आयोजित जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद नहीं है। बयान में कहा गया था कि ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व अन्य वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा किया जाएगा जिसें सीओपी26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा भी शामिल हैं।

सीओपी27 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रही मिस्र की सरकार ने सुनक के फैसले पर “निराशा” जताई है। गार्डियन समाचार पत्र ने रविवार को अपनी एक खबर में कहा कि सीओपी27 वार्ता में शामिल नहीं होने के सुनक के फैसले और महाराजा चार्ल्स तृतीय को सम्मेलन मे भाग लेने से रोके जाने से दुनिया भर के देशों में नाराजगी है। ब्रिटिश सरकार के फैसले से जलवायु संकट से निपटने के लिए देश की प्रतिबद्धता को लेकर दुनिया भर में चिंता जतायी गई है।

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