Dhanteras 2022: धनतेरस आज, जानिए इसका महत्व, पौराणिक कथा और धन्वंतरि पूजा मुहूर्त

Dhanteras 2022: दिवाली से पहले धनतेरस मनाने की परंपरा है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। इस खास दिन लोग जमकर खरीददारी करते हैं। मान्यता है कि धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन और अन्या चीजें खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वहीं …
Dhanteras 2022: दिवाली से पहले धनतेरस मनाने की परंपरा है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। इस खास दिन लोग जमकर खरीददारी करते हैं। मान्यता है कि धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन और अन्या चीजें खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वहीं घर में हमेशा घर में बरकत बनी रहे इसलिए धनतेरस के दिन विधि विधान के साथ माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देवता की पूजा करनी चाहिए। इस साल धनतेरस (Dhanteras) का त्यौहार 23 अक्टूबर, 2022 को मनाया जाएगा।
पौराणिक कथा
शास्त्रों के मुताबिक, जब समुद्र मंथन हुआ था उस समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुआ थे। वो समय कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी। यही वजह है कि इस दिन को धनतेरस या धनत्रयोदशी के रूप में जाना जाता है। भगवान धन्वंतरि को विष्णु जी का अंश माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि हाथों में कलश लेकर प्रकट हुए थे इस वजह से धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इससे धन, सौभाग्य, वैभव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
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धनतेरस पूजा विधि
मंदिर या पूजा वाली जगह को साफ कर के गंगा जल छिड़क दें।
अब चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें।
इसके बाद भगवान धन्वंतरि, कुबेर देवता और मां लक्ष्मी की मूर्ति या फोटा स्थापित करें।
अक्षत रोली लगाने के बाद प्रतिमा पर लाल फूल अर्पित करें।
घी या तेल के दीपक के साथ धूप और अगरबत्ती जलाएं।
आपने जो भी नया खरीदा है, जैसे-गहने, बर्तन या अन्य कोई चीजें उसे चौकी पर भगवाम और माता लक्ष्मी के सामने रख दें।
लक्ष्मी चालीस और स्त्रोत समेत कुबेर स्त्रोत का भी पाठ करें।
मां लक्ष्मी की आरती के बाद मंत्रों का जाप करें।
अब मिठाई का भोग लगाकर धनतेरस की पूजा संपन्न करें।
धन्वंतरि पूजा मुहूर्त
सुबह 7:40 बजे से 12:04 बजे तक पूजा का मुहूर्त है। बर्तन एवं आभूषण खरीदने का शुभ समय दोपहर 1:28 बजे से 2:53 बजे तक और शाम 5:47 बजे से रात्रि 10:28 बजे तक है। यम दीप दान मुहूर्त काल (प्रदोष काल) 5:44 बजे से 7:14 बजे तक होगा।
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