देवा मेला : अवधी लोक नृत्य एवं गीतों की दिखी झलक

अमृत विचार, देवा/ बाराबंकी। देवा मेला के सांस्कृतिक मंच पर शुक्रवार की शाम अवधी लोक नृत्यांगना निधि श्रीवास्तव और उनकी टीम ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। सर्व प्रथम गणेश वंदना हे गजवदन वक्रतुंड महाकाय से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद रम्पी आवे (धाकला) पर मोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। केसरिया बालम , …
अमृत विचार, देवा/ बाराबंकी। देवा मेला के सांस्कृतिक मंच पर शुक्रवार की शाम अवधी लोक नृत्यांगना निधि श्रीवास्तव और उनकी टीम ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। सर्व प्रथम गणेश वंदना हे गजवदन वक्रतुंड महाकाय से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद रम्पी आवे (धाकला) पर मोहक नृत्य की प्रस्तुति दी।
केसरिया बालम , कालो कूद पड़ो मेले में (राजस्थान) और पट्टे चौक दी (पंजाबी) सहित रंगी सारी सैया लरकैया आदि गीतों पर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। मंच पर लोक नृत्यांगना निधि श्रीवास्तव और उनकी टीम में रमा मिश्रा, अनामिका यादव, प्रियांशी वर्मा, नेहा कुमारी, अभय सिंह, आकाश सैनी एवं मंच व्यवस्था में अविनाश सामिल रहे।
लोक नृत्य की विभिन्न कलाओं में प्रवीण है निधि श्रीवास्तव
देवा मेला में शुक्रवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देने आयी लोक नृत्यांगना निधि श्रीवास्तव लोक नृत्य की कलाओं में प्रवीण है। मीडिया से बात करते हुए निधि श्रीवास्तव ने बताया कि वह पंख एक पहल फाउंडेशन नाम से संस्था भी चलाती है। निधि श्रीवास्तव बताती है कि नृत्य लोक उन्मुक्त और सहज होता है लेकिन शास्त्र की बारीकियों से उसमें एक अलग तरह की आभा प्रदीप्त हो उठती है। ऐसे में यदि कोई चितेरा सजगता के साथ इस प्रयोग को साकार रूप प्रदान करने का साहस करता है तो वह अपनी अलग पहचान बना लेता है।
निधि श्रीवास्तव शहर ए लखनऊ की सरजमीं से एक ऐसी ही अनोखी कलाकार है। जिन्होंने कथक की भाव भंगिमाओं को लोक नृत्यों की मिठास में घोलकर देश के लगभग सभी प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। वे लोक संस्कृति गौरव सम्मान से सम्मानित कलाकार है तथा अब तक लगभग 400 से ज्यादा पूरे भारत में प्रस्तुतियां कर चुकी है।
वह दूरदर्शन, संस्कृति विभाग की कैज़ुअल आर्टिस्ट है। इसके अलावा प्रमुख महोत्सव तथा मेला में भी प्रस्तुतियां दे चुकी है। जैसे इंटरनेशनल मिंजर मेला चम्बा(हिमाचल प्रदेश) , फोक फेयर उड़ीसा, लखनऊ महोत्सव, देवा मेला, महादेवा महोत्सव, फरूखाबाद महोत्सव, आज़मगढ़ महोत्सव, नौचंदी मेला, औरैया महोत्सव, चैती महोत्सव, संस्कृति उत्सव, दीपोत्सव, संस्कृति उत्सव आदि में अपनी टीम के साथ प्रस्तुतियां दे चुकी है।
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