अयोध्या: शोक में बंद रही दूध मंडी, अधिकांश घरों तक नहीं पहुंचा दूध-पनीर

अयोध्या: शोक में बंद रही दूध मंडी, अधिकांश घरों तक नहीं पहुंचा दूध-पनीर

अमृत विचार, अयोध्या। समाजवाद के पुरोधा मुलायम सिंह यादव के निधन को लेकर दूधिया समाज शोक में अपने कारोबार से विरत रहा। दूध की बिक्री के बजाय गाय-भैंसों का दूध उनके बच्चों को पिला दिया, जिसके चलते शहर की दूध मंडी में सन्नाटा पसरा रहा तो शहर के अधिकांश घरों तक पनीर,दूध, दही आदि नहीं …

अमृत विचार, अयोध्या। समाजवाद के पुरोधा मुलायम सिंह यादव के निधन को लेकर दूधिया समाज शोक में अपने कारोबार से विरत रहा। दूध की बिक्री के बजाय गाय-भैंसों का दूध उनके बच्चों को पिला दिया, जिसके चलते शहर की दूध मंडी में सन्नाटा पसरा रहा तो शहर के अधिकांश घरों तक पनीर,दूध, दही आदि नहीं पहुंच पाया। दूध और इससे निर्मित उत्पादों की मांग के चलते विभिन्न दुग्ध उत्पादक कंपनियों के फ्रेंचाइजी का स्टाक भी खत्म हो गया।

सपा और पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह के कट्टर समर्थक रहे दूधिया समाज के लोगों ने शोक के चलते सोमवार की शाम से ही कारोबार से विरत रहने की योजना पर कवायद शुरू कर दी थी। कारोबार से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को मोबाइल फोन तथा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर इस बाबत सूचित किया गया था, जिसका असर यह हुआ कि मंगलवार की सुबह जिला मुख्यालय के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले दूधिया दूध लेकर शहर नहीं पहुंचे।

टकसाल शिवमंदिर के पास सुबह से शाम तक गुलजार रहने वाली दूध मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। दूध और उससे निर्मित उत्पादों दही, पनीर, छेना आदि के व्यवसाय से जुड़े कारोबारी दूध मंडी तो पहुंचे लेकिन सभी को खाली हाथ बैरंग वापस लौटना पड़ा। इतना ही नहीं दूधिया लोग घरों तक भी दूध पहुंचाने नहीं आए। जिसके चलते कारोबारियों तथा उपभोक्ताओं ने दुग्ध उत्पादक कंपनियों की फ्रेंचाइजी तथा आउटलेट की ओर रुख किया।

इसके चलते विभिन्न आउटलेट तथा फ्रेंचाइजी के गोदामों पर भी दूध व इससे निर्मित उत्पादों का स्टाक निल हो गया। उपभोक्ताओं ने संबंधित दूधिया को फोन किया तो उन्होंने मुलायम के निधन के चलते दूध दे पाने में असमर्थता जता दी। दूध, दही, पनीर व छेना का कारोबार करने वाले टकसाल निवासी बब्लू यादव, सदर बाजार निवासी रामजी यादव व भल्लू जायसवाल, नियावां के संजय पाल, खिड़की अलीबेग निवासी बाबू ने बताया कि फोन भी किया लेकिन कोई ग्वाला दूध पहुंचाने को तैयार नहीं हुआ। ग्राहकों को वापस लौटाना पड़ा।

सीमा पर रोक-टोक की भी हुई कोशिश

जुड़वा शहरों अयोध्या और फैजाबाद में जनपद के सोहावल, मसौधा, पूराबाजार, मऊ शिवाला, रानीबाजार, सरयू के कछार क्षेत्र मड़ना, कूढ़ाकेशवपुर, माझा उपरहार समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों तथा पड़ोसी जनपद गोंडा के नवाबगंज और तरबगंज के माझा क्षेत्र और बस्ती के पटखापुर, विक्रमजोत आदि क्षेत्रों से दूधिया नियमित दूध लेकर आते हैं। इनके द्वारा घर-घर तो सप्लाई दी ही जाती है साथ ही कारोबारियों को थोक दूध की सप्लाई प्रदान की जाती है। सपा संस्थापक के निधन को लेकर शोक में अधिकांश दूधिया मंगलवार को शहर नहीं आए। कुछ लोग साइकिल और मोटरसाइकिल पर दूध का कंटेनर लादे सीमा पर पहुंचे तो वहां लोगों की टुकड़ी उन्हें रोकने व समझा बुझाकर वापस भेजने को मुस्तैद मिली। सूचना पर पुलिस भी पहुंची और हस्तक्षेप की कोशिश की लेकिन सब कुछ तय योजना के मुताबिक चलता रहा।

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