विकास शुल्क बढ़ा, नक्शा पास कराना महंगा; Kanpur में KDA ने इतने प्रतिशत बढ़ाया...
नए शुल्क का निर्धारण 1 अप्रैल से लागू कर दिया गया
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कानपुर, अमृत विचार। केडीए ने भवन मानचित्र स्वीकृत के समय लिये जा रहे विभिन्न मदों की दरों (शुल्क) को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये कास्ट इंडेक्स के आधार पर निर्धारण कर दिया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विकास शुल्क में केडीए ने 4.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे केडीए आवंटी, आराजी संख्या वाले और निजी बिल्डरों से खरीदे गए भूखंड के नक्शे पास कराना महंगा हो गया है। शुल्क का यह निर्धारण 1 अप्रैल से लागू कर दिया गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में शहर में विकास शुल्क प्रति वर्ग मीटर 2250 रुपये था जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2370 रुपये और अब 2473 रुपये वर्ग मीटर हो गया है। इस हिसाब से दो साल में प्रति वर्ग मीटर 223 रुपये विकास शुल्क बढ़ गया है।
नक्शा पास करने में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विकास शुल्क में 4.31 प्रतिशत बढ़ोतरी की है। वहीं बिठूर और अकबरपुर-माती में वित्तीय वर्ष 2022-23 में विकास शुल्क प्रति वर्ग मीटर 525 रुपये, वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रति वर्ग मीटर 585 रुपये शुल्क और चालू वित्तीय वर्ष में 610 रुपये हो गया है। इस हिसाब से दो साल में 85 रुपये प्रति वर्ग मीटर शुल्क बढ़ गया है।
केडीए आवंटी और आराजी संख्या वाले या निजी बिल्डरों से खरीदे गए भूखंड के नक्शे पास कराने के लिए लोगों को जेब ढीली करनी होगी। केडीए के आवंटित भूखंड जिनका सब डिवीजन हो गया है उनके नक्शे में विकास शुल्क देना होगा।
अब यदि शहर में 100 वर्ग मीटर के भूखंड का नक्शा पास कराना है तो पहले विकास शुल्क के रूप में और 10 हजार और खर्च करने होंगे। इसके अलावा मलबा शुल्क और शमन शुल्क भी बढ़ाया है। इसके अलावा मानचित्रों की कापी से लेकर साइड प्लान में भी बढ़ोत्तरी की गयी है।
आवासीय व व्यवसायिक मानचित्र शुल्क में कमी
आवासीय मानचित्र शुल्क में कमी की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में 6.35 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर थी जो अब पांच रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गयी है। इसके अलावा निरीक्षण शुल्क में कमी की है। पिछले वित्तीय वर्ष में शुल्क 24.95 रुपये प्रति वर्ग मीटर था जो अबकी बार 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। ग्रुप हाउसिंग में मानचित्र शुल्क पिछले वित्तीय वर्ष 18.75 रुपये प्रति वर्ग मीटर था जो अब 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गया है।
यहीं हाल व्यावसायिक में मानचित्र शुल्क का है। पिछले वित्तीय वर्ष में शुल्क 37.45 रुपये प्रति वर्ग मीटर था अब 30 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। इसके अलावा औद्योगिक के मानचित्र शुल्क में बढ़ोत्तरी की है। अब नगरीय विकास शुल्क और इंट्रीग्रेटेड लाइसेंस शुल्क (प्रति एकड़) में शुल्क में कमी की है। इसके अलावा शमन शुल्क में भी बढ़ोत्तरी की है। इसका असर आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक के भूखंडों में पड़ेगा।
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