सभ्यता पुनर्जीवन के लिए वेदों का अनुसरण जरूरी :चंपत राय

सभ्यता पुनर्जीवन के लिए वेदों का अनुसरण जरूरी :चंपत राय

अयोध्या, अमृत विचार। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि वेद में ही विज्ञान है। इसके रहस्य को समझकर ही वैदिक सभ्यता का पुनर्जीवन किया जा सकता है। वेद का अनुसरण और मंत्रों का नित्य स्वाध्याय रक्त अस्थिमज्जा को परिमार्जित करेगा। वेद शिक्षा घर-घर पहुंचेगी …

अयोध्या, अमृत विचार। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि वेद में ही विज्ञान है। इसके रहस्य को समझकर ही वैदिक सभ्यता का पुनर्जीवन किया जा सकता है। वेद का अनुसरण और मंत्रों का नित्य स्वाध्याय रक्त अस्थिमज्जा को परिमार्जित करेगा। वेद शिक्षा घर-घर पहुंचेगी तो शुचितापूर्ण और मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण समाज का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि वेद मंत्रों की वैज्ञानिकता और मंत्रों के स्वर विज्ञान को देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित करना हम सभी का नैतिक दायित्व है।

मंगलवार को दूसरी पहर चंपत राय कारसेवकपुरम में महर्षि संदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन व वशिष्ठ विद्या समिति अयोध्या के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपना उद्गार व्यक्त कर रहे थे। श्रद्धेय अशोक सिंघल के कथन को दोहराया कि सभी धर्मों का मूल वेद है। महर्षि संदीपनि प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने वैदिक पद्धति को संरक्षित संवर्धित करने, महंत कमलनयन दास ने वैदिक भारत की संकल्पना के अनुरूप राष्ट्र निर्माण व इतिहास संकलन की बात कही।

वैदिक विश्वविद्यालय तिरुपति के पूर्व कुलपति प्रो. सुदर्शन शर्मा ने कहा कि अशोक सिंघल वैदिक विश्वविद्यालय वेद मंत्रों के रहस्य को समझाकर आधुनिक विज्ञान व तकनीकि का विकास करेगा। विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि भारत संस्कृति परिषद के अध्यक्ष राधा कृष्ण मनोरी के संचालन में संपन्न कार्यक्रम में विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, वेद विद्यालय प्रमुख हरिशंकर सिंह, चंद्रभानु शर्मा, वशिष्ठ विद्या समिति के मंत्री राधेश्याम मिश्र, प्रो. विक्रमा प्रसाद पांडेय, हनुमत प्रसाद नौटियाल, तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति समेत अन्य मौजूद रहे।

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