अयोध्या: सरकारी भूमि पर बना योगी मंदिर मामला ठंडे बस्ते में, नहीं मिली मूर्ति

अयोध्या:  सरकारी भूमि पर बना योगी मंदिर मामला ठंडे बस्ते में, नहीं मिली मूर्ति

अमृत विचार, अयोध्या। सोहावल तहसील के कल्याण भदरसा गांव में सरकारी भूमि पर बने योगी के मंदिर मामले को सोहावल तहसील प्रशासन ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। 12 दिन गुजरने के बाद भी तहसील प्रशासन द्वारा अभी तक भूमि से अवैध कब्जा हटाया नहीं जा सका है। इसके चलते तहसील प्रशासन की भूमिका …

अमृत विचार, अयोध्या। सोहावल तहसील के कल्याण भदरसा गांव में सरकारी भूमि पर बने योगी के मंदिर मामले को सोहावल तहसील प्रशासन ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। 12 दिन गुजरने के बाद भी तहसील प्रशासन द्वारा अभी तक भूमि से अवैध कब्जा हटाया नहीं जा सका है। इसके चलते तहसील प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं अभी तक योगी की मूर्ति का रहस्य भी बरकरार है।

सरकारी भूमि पर योगी का मंदिर बनाए जाने का मामला तब उजागर हुआ था जब 24 सितम्बर को ‘ अमृत विचार ‘ में प्रकाशित खबर को लेकर तहसील प्रशासन ने 25 सितम्बर को पैमाइश की प्रक्रिया शुरू कराई थी। एसडीएम के निर्देश पर पैमाइश के लिए पहुंचे कानूनगो कल्याण भदरसा दयाराम वर्मा ने प्रारंभिक पैमाइश में भूमि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विभाग की पाई थी। उसी दिन मंदिर से योगी की मूर्ति भी गायब हो गई जो जिसका तबसे आज तक नहीं पता चला कि कहां है?

वहीं दूसरी ओर 25 सितम्बर के बाद से ही तहसील प्रशासन ने पूरे प्रकरण से हाथ खींचने शुरू कर दिए। शीघ्र पैमाइश पूरी कराने का दावा करने वाले तहसील प्रशासन ने सरकारी भूमि पर बने योगी के मंदिर मामले को दाखिल दफ्तर करना शुरू कर दिया। नतीजा आज 12 दिन बाद भी पैमाइश तो दूर कानूनगो और लेखपाल गांव में झांकने तक नहीं गए। जबकि भूमि पर दावा जताने वाले, शिकायत कर्ता और मंदिर बनवाने वाले प्रभाकर मौर्य के पिता गांव में ही मौजूद रहते हैं।

सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि अपनी भूमि पर मंदिर निर्माण की जानकारी के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। सम्पत्ति अधिकारी ने तहसील प्रशासन को पत्र भेजने की बात कही थी जो आज तक नहीं भेजा। हालांकि इस बीच योगी की मूर्ति पर चांदी का छत्र चढ़ाने वाले अमित जानी ने डीएम को पत्र लिखकर छत्र वापसी की मांग की थी। इसे लेकर भी कोई कवायद नहीं की गई। जिसके चलते सरकारी भूमि पर मंदिर बना कर अवैध कब्जे का यह पूरा मामला पूरी तरह से सुनियोजित ढंग से दबाया जा रहा है।

उप जिलाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भूमि की पैमाइश पूरी किए जाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचना दी गई है। उनके लोग जब जिस दिन भी आ जाते हैं भूमि की पैमाइश पूरी कर ली जाएगी। सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाया जायेगा।

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