‘आप’ सरकार ने पंजाब में छह महीने में जो किया, पिछली सरकारें दशकों में नहीं कर पाईं: मलविंदर सिंह कंग

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को पंजाब की जनता के सामने अपनी सरकार के छह महीने का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। आप प्रवक्ता जगतार सिंह संघेड़ा और गोविंदर मित्तल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पिछली सरकारों ने केवल …
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को पंजाब की जनता के सामने अपनी सरकार के छह महीने का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। आप प्रवक्ता जगतार सिंह संघेड़ा और गोविंदर मित्तल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पिछली सरकारों ने केवल जनता को बेवकूफ बनाया और टैक्स के पैसे से अपनी तिजोरियां भरीं, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आप सरकार अपने सभी वादों को पूरा कर रही है। सरकार बनने के महज छह महीने में ही मान सरकार ने जनता के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।
उन्होंने कांग्रेस और अकाली दल से सवाल किया और पूछा कि वे साबित करें कि क्या उनकी सरकारों ने पहले छह महीनों में आप सरकार से ज्यादा काम किया था। कंग ने कहा, मैं कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा और शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को चुनौती देता हूं कि वे अपने दशकों पुराने शासन के दौरान सरकार बनने के छह महीने के भीतर किए गए किसी भी बड़े काम को बताएं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अकाली दल की सरकारों ने केवल लोगों को लूटा है। दोनों पार्टियों के नेता आप सरकार के साफ-सुथरे कामों से बौखला गए हैं, इसलिए वह झूठे आरोप लगाकर मान सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
आप सरकार के जन-कल्याण कामों का हवाला देते हुए कंग ने कहा कि मान सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुसार 20,000 नौकरियां दी हैं और 9000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है, पंजाब की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है, बावजूद इसके पिछली सरकारें इसमें सुधार करने में पूरी तरह विफल रहीं, लेकिन पंजाब के इतिहास में पहली बार मान सरकार ने मूंग की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी किया।
पंजाब के पानी और मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए पंजाब सरकार किसानों को 1500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है। मालवा क्षेत्र के कपास किसानों के 2020 से लंबित मुआवजे को भी मान सरकार ने मंजूरी दी। गन्ना किसानों के लंबे समय से लंबित बकाया का भी भुगतान कर दिया गया है और डिफॉल्टर चीनी मिलों की संपत्तियों को कुर्क कर नीलाम किया जा रहा है।
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