ऋषिकेष: यहां एक अस्पताल की लापरवाही ने ले ली आठ माह की बच्ची की जान

ऋषिकेष: यहां एक अस्पताल की लापरवाही ने ले ली आठ माह की बच्ची की जान

ऋषिकेष, अमृत विचार। प्रदेश में जहां एम्स जैसे बड़े अस्पतालों का निर्माण किए जाने के बड़े-बड़े वायदे किए जा रहे हैं, वहीं अस्पतालों की लापवाही के चलते एक आठ माह की बच्ची ने प्रांगण में ही दम तोड़ दिया। यह कोई नया बात नहीं है जब अस्पतालों के इस तरह के मामले सामने आए हैं। …

ऋषिकेष, अमृत विचार। प्रदेश में जहां एम्स जैसे बड़े अस्पतालों का निर्माण किए जाने के बड़े-बड़े वायदे किए जा रहे हैं, वहीं अस्पतालों की लापवाही के चलते एक आठ माह की बच्ची ने प्रांगण में ही दम तोड़ दिया। यह कोई नया बात नहीं है जब अस्पतालों के इस तरह के मामले सामने आए हैं।

बुधवार सुबह राजकीय चिकित्सालय में एक आठ माह की बच्ची की आपातकालीन कक्ष में मौत हो गई। बच्ची के पिता ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को शिकायत पत्र दिया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने इस मामले में जांच की बात कही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है।

ऋषिकेश चंद्रेश्वर नगर, गली नंबर 19 निवासी राजकुमार ने बताया कि उसकी आठ माह की पुत्री निधि को मंगलवार उल्टी की शिकायत हुई। उनकी पत्नी सीमा बच्ची को लेकर रात में राजकीय चिकित्सालय की आपातकालीन सेवा में पहुंची। वहां उपस्थित चिकित्सक ने कुछ दवाई पीने को दी और सुबह बाल रोग चिकित्सक को दिखाने की सलाह दी।

उन्होंने बताया कि जब वह बुधवार सुबह चिकित्सालय पहुंचे तो उन्हें करीब आधा घंटा लाइन में खड़ा होना पड़ा। बाद में बाल रोग विशेषज्ञ ने बच्ची के परीक्षण के बाद उसे आपातकालीन सेवा में ले जाकर भर्ती कराने को कहा। सुबह ड्यूटी पर मौजूद डॉ. सागर भट्ट ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ स्वयं बच्ची को आपातकालीन सेवा में लेकर आए थे। जहां उन्होंने उसको उपचार देना शुरू किया लेकिन उसकी मौत हो गई।

बच्ची की मां सीमा और पिता राजकुमार ने आपातकालीन सेवा में बीती रात उपचार के दौरान लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि रात में ही यदि बाल रोग विशेषज्ञ को बुला लिया गया होता तो उनकी बच्ची की मौत नहीं होती। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि बच्ची के पिता ने शिकायत पत्र दिया है। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून से नियमानुसार जांच कराई जा रही है।

बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीके चंदोला ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति सीएमओ को की जाएगी।