इंडो-यूरोपीय शैली से रामपुर को संजाने वाले नवाब हामिद अली खां की प्रतिमा क्षतिग्रस्त
रामपुर, अमृत विचार। रियासत के नवें शासक और इंडो-यूरोपियन शैली से रामपुर को संवारने वाले एक तरह से शिल्पकार रूपी नवाब हामिद अली खां की फोटो चुंगी पर पार्क में लगी प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी गई। प्रशासनिक अनदेखी के चलते प्रतिमा की इतनी बेहुरमती की गई है कि आंखें फोड़ी गई हैं, नाक तोड़ी गई …
रामपुर, अमृत विचार। रियासत के नवें शासक और इंडो-यूरोपियन शैली से रामपुर को संवारने वाले एक तरह से शिल्पकार रूपी नवाब हामिद अली खां की फोटो चुंगी पर पार्क में लगी प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी गई। प्रशासनिक अनदेखी के चलते प्रतिमा की इतनी बेहुरमती की गई है कि आंखें फोड़ी गई हैं, नाक तोड़ी गई है, माला और क्राउन को भी क्षतिग्रस्त करके आसामाजिक तत्व तलवार भी उखाड़कर ले गए हैं।
- हामिद मंजिल में है विश्व प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी
- प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी से हुई प्रतिमा की बेहुरमती
- शिलापट भी उखाड़ ले गए, रामपुर के लिए शिल्पकार जैसे थे नवाब
साबुत संगमरमर पत्थर पर तराशी गई बेशकीमती प्रतिमा के सिर पर सजा ताज भी एक ओर से क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा गले में पड़ी मालाओं के मोती भी तोड़े गए हैं। नवाब हामिद अली खां ने हामिद मंजिल का निर्माण कराया था, इस इमारत में फिलवक्त विश्व प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी स्थित है। नवाब हामिद अली खां रामपुर रियासत काल में शाहजहां के नाम से मशहूर हैं। नवाब हामिद अली खां ने फ्रांस के इंजीनियर सीडब्ल्यू राइट से इंडो-यूरोपियन शिल्प में इमारतों का निर्माण कराया। पूरे रामपुर को एक शिल्पकार की तरह सजाने के लिए नवाब हामिद अली तो पहचाना जाता है। नवाब हामिद अली खां रामपुर रियासत पर वर्ष 20 जून 1930 तक शासन रहा।
चीफ ऑफ दि रुहेला मेजर जनरल, हिज हाइनेस, आली जाह, फरजंदे दिल पजीरे दौलतिया-ए-इंग्लिशिया, मुख्लिस उद दौला, नासिर-उल-मुल्क अमीर-उल-उमरा नवाब हामिद अली खां मुस्तहदे जंग की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ का यह पहला मामला नहीं है। करीब दस साल पहले भी नवाब हामिद अली खां की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की गई थी और मीडिया में मामला काफी उछला था और प्रशासन ने आनन-फानन में प्रतिमा को दुरुस्त कराया था। एक बार फिर आसामाजिक तत्वों द्वारा नवाब हामिद अली खां की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया है, शिलापट भी उखाड़ ले गए हैं।
नवाब ने कराया था हामिद मंजिल का निर्माण
नवाब हामिद अली खान (1889-1930) ने सिंहासन पर चढ़ने से पहले कई देशों का दौरा किया। वह उच्च शिक्षित और एक विपुल निर्माता थे और उन्होंने रामपुर शहर में प्रभावशाली महलों, महल की प्राचीर और राज्य भवन का निर्माण किया। उन्होंने 1904 में किले के अंदर हामिद मंजिल नाम की इंडो-यूरोपीय शैली की एक शानदार हवेली भी बनाई। बाद में 1957 में रज़ा पुस्तकालय को इस शानदार इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया। नवाब हामिद अली खान ने मूल्यवान संग्रह में नई वस्तुओं को जोड़ा और कुछ सुधारों को लागू किया। पुस्तकालय का प्रबंधन। उनके समय के दौरान, हकीम अजमल खान , मौलाना नजमुल गनी खान और हाफिज अहमद अली खान ‘शौक’ ने पुस्तकालय का प्रबंधन किया। फ्रांसीसी इंजीनियर सी डब्ल्यू राइट के नक्शे के आधार रामपुर में हाईकोर्ट जोकि पुरानी तहसील के नाम से प्रसिद्ध है, जामा मस्जिद, कोठी खासबाग के अलावा कई इमारतों का निर्माण कराया।
पार्क दुरूस्त करा रहे अफसरों ने की अनदेखी
प्रशासनिक अफसरों ने पार्क का मुआयना किया, पार्क को दुरूस्त कराके वहां महात्मा गांधी की दांडी यात्रा का स्टेच्यु बनाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जिस नवाब ने रामपुर की एक कला और संस्कृति को विकसित किया उसके स्टेच्यु की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। संभवतया 80 साल पहले यह नवाब का स्टेच्यु लगाया गया था, तब से अब तक इस जगह को फोटो चुंगी के नाम से जाना जाता है। कितनी सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन जिस नवाब की जमीन पर बने सरकारी दफ्तरों और बंगलों में अफसर रह रहे हैं उन्हीं की प्रतिमा की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।
नवाब हामिद अली खां की प्रतिमा को इससे पहले भी आसामाजिक तत्वों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया था। एक बार फिर प्रतिमा को तोड़ा गया है, प्रशासन आसामाजिक तत्वों पर सख्ती बरतें और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे और प्रतिमा को दुरुस्त कराया जाए। -नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां, पूर्व मंत्री (नवाब परिवार के वंशज)
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