हल्द्वानी: मुक्त विश्वविद्यालय में वर्ष 2000 से हुईं नियुक्तियां सवालों के घेरे में, पहाड़ी आर्मी ने खोली पोल
हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ी आर्मी ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में नियमों की धज्जियां उड़ाकर सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है। शनिवार को नैनीताल रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में हुई प्रेस वार्ता में पहाड़ी आर्मी के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश …
हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ी आर्मी ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में नियमों की धज्जियां उड़ाकर सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है।
शनिवार को नैनीताल रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में हुई प्रेस वार्ता में पहाड़ी आर्मी के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश पदाधिकारी की पत्नी को विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया। यूजीसी और विश्वविद्यालय के नियमानुसार असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यूजीसी नेट या पीएचडी उत्तीर्ण होना जरूरी है जबकि उनकी पीएचडी भी पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए गाइड लाइन होती है लेकिन यहां प्रोफेसर के 25 पदों पर स्थायी नियुक्तियों में इन गाइडलाइन को ताक पर रख दिया। विवि में महिलाओं का 30 प्रतिशत आरक्षण ही समाप्त कर दिया गया।
प्रवक्ता भुवन पोखरिया ने कहा कि जिन उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग कमेटी ने अयोग्य घोषित कर दिया था लेकिन कुलपति ने एक फर्जी शिकारयत निवारण समिति बनाकर उन्हें योग्य घोषित करवा दिया। कुमाऊं विवि के एक प्रोफेसर को अनापत्ति प्रमाण पत्र बिना ही मुक्त विवि में नियुक्ति दे दी जबकि उनका विषय यहां पढ़ाया नहीं जाता है। मुक्त विवि में तैनात पीआरओ को सीधे बिना योग्यता के एसोसिएट प्रोफेसर बना दिया। आरोप लगाया कि कई प्रोफेसर्स ने ईडब्ल्यूएस के फर्जी प्रमाण पत्र लगाए हैं जबकि वह घर से संपन्न हैं। उन्होंने कहा कि नियुक्ति पाने वाले सभी सत्ताधारी दल के करीबियों के हैं। रावत ने मुक्त विवि में वर्ष 2000 से हुई नियुक्तियों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की।
इस मौके पर दीपेंद्र सिंह नेगी,भूपेंद्र कोरंगा, रमेश पलरीया,कौशल पाठक,सुनील जोशी, रविंद्र कनवाल, हेम शर्मा ,हितेंद्र राठौर ,रवि बिष्ट ,मनीष गोनी आदि मौजूद रहे।