बरेली: एचआईवी मरीज को स्वास्थ्य कर्मी ने लगाया इंजेक्शन, गलती से अपने ही लगी संक्रमित सुई
बरेली, अमृत विचार। एचआईवी का नाम सुनते ही लोगों के जहन में मौत का साया मंडराने लगता है। जागरूकता के अभाव के चलते लोग एचआईवी मरीज से दूरी बनाते हैं, लेकिन बीते मंगलवार की शाम जिला अस्पताल में एक ऐसी चूक हुई जिससे कर्मचारी सहम गए। हुआ यूं कि जिला अस्पताल स्थित सेप्टिक वार्ड में शाहजहांपुर निवासी …
बरेली, अमृत विचार। एचआईवी का नाम सुनते ही लोगों के जहन में मौत का साया मंडराने लगता है। जागरूकता के अभाव के चलते लोग एचआईवी मरीज से दूरी बनाते हैं, लेकिन बीते मंगलवार की शाम जिला अस्पताल में एक ऐसी चूक हुई जिससे कर्मचारी सहम गए। हुआ यूं कि जिला अस्पताल स्थित सेप्टिक वार्ड में शाहजहांपुर निवासी एक मरीज को रेफर किया गया। मरीज जांच में एचआईवी ग्रसित पाया गया था। वार्ड में तैनात मेल स्टाफ नर्स मरीज की प्रारंभिक जांच करने के लिए गया।
इस दौरान डॉक्टर ने मरीज को इंजेक्शन लगाने के लिए कहा। इस पर जैसे ही स्टाफ ने मरीज को इंजेक्शन लगाया तो मरीज का हाथ उसके हाथ से टकरा गया, जिससे जो इंजेक्शन मरीज को लग चुका था, वही संक्रमित सुई स्टाफ के हाथ में चुभ गई। स्टाफ के सुई चुभने के बाद उसके हाथ से खून भी निकल आया। जिससे वह सकते में आ गया।
एचआईवी संक्रमण का अंदेशा होने पर संबंधित नर्सिंग स्टाफ को एहतियात के रूप में एड्स से बचाव की दवा देने का प्रावधान है। यह दवा 28 दिन तक दी जाती है। जिला अस्पताल स्थित एआरटी (एंटी रेटरोवायरल ट्रीटमेंट) सेंटर के कर्मचारी मनोज ने बताया कि एड्स से बचाव की एहतियाती दवा संबंधित स्टाफ को इस तरह की घटना होने के बाद 2 से 14 घंटे के अंदर मिल जानी चाहिए। 72 घंटे बीत जाने पर दवा देने से कोई फायदा नहीं होता। हालांकि कर्मचारी की जांच की जाएगी।
ये भी पढ़ें- बरेली: रोडवेज की कैंटीन पर हो रहा था घरेलू सिलेंडरों का उपयोग, टीम ने सिलेंडर किए जब्त