कन्नौज: अमृत विचार की खबर का असर, देश भर के 400 वैज्ञानिकों को जल्द मिलेगा वेतन, विभागाध्यक्षों के खुले खाते

कन्नौज: अमृत विचार की खबर का असर, देश भर के 400 वैज्ञानिकों को जल्द मिलेगा वेतन, विभागाध्यक्षों के खुले खाते

कन्नौज। देश भर के कृषि विज्ञान केंद्रों पर कार्यरत 400 वैज्ञानिकों को वेतन मिलने की दिशा में दो कदम और बढ़ गए हैं। जहां एक ओर भारतीय मौसम विभाग की तरफ से वेतन का पैसा अवमुक्त कर दिया गया है वहीं संबंधित विभागाध्यक्षों के खाते बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खोल दिए गए हैं। बताते चलें …

कन्नौज। देश भर के कृषि विज्ञान केंद्रों पर कार्यरत 400 वैज्ञानिकों को वेतन मिलने की दिशा में दो कदम और बढ़ गए हैं। जहां एक ओर भारतीय मौसम विभाग की तरफ से वेतन का पैसा अवमुक्त कर दिया गया है वहीं संबंधित विभागाध्यक्षों के खाते बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खोल दिए गए हैं। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न प्रांतों बिहार, झारखंड, केरल, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि सहित देश के कई जिलों में 200 कृषि मौसम विज्ञान केंद्रों पर कार्यरत 200 कृषि मौसम वैज्ञानिकों व 200 मौसम प्रेक्षकों को 14 महीने से भी अधिक समय से वेतन नहीं मिला है।

इससे उन्हें व उनके परिवारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। परेशान होकर इन वैज्ञानिकों में से कई ने प्रधानमंत्री के पोर्टल पर 150 से अधिक बार गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस संदर्भ में अमृत विचार ने इसी वर्ष 29 मई के अंक में इस समस्या को प्रमुखता से उठाया तो इन वैज्ञानिकों को वेतन दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस संबंध 29 अगस्त के अंक में समाचार प्रकाशित किया गया।

इसका असर रहा कि अब वैज्ञानिक जिन विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों या संस्थानों से जुड़े हैं उनके हेड के बैंक खाते बैंक आफ महाराष्ट्र में खोल दिए गए हैं। विश्वस्त सूत्रों ने जानकारी दी है कि पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम) मैपिंग की प्रक्रिया जारी है। इसमें खाते शामिल किए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद संबंधित संस्था के प्रमुख के माध्यम से वैज्ञानिकों को उनके वेतन का भुगतान किया जाएगा। हालांकि कब तक भुगतान होगा यह तो नहीं पता चल सका है लेकिन इतन तय है कि अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने को हैं और वैज्ञानिकों के घर खुशियां आने वाली हैं।

दो बार रिलीज हुआ पर वैज्ञानिकों तक नहीं पहुंचा पैसा
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने 200 केंद्रों के करीब चार सौ वैज्ञानिकों के लिए जनवरी 2022 में 10 करोड़ और इसके बाद 28 अप्रैल को 31 करोड़ रुपया रिलीज किया लेकिन यह रकम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तक नहीं पहुंची। धीरे-धीरे दिन और फिर महीने बीते लेकिन वैज्ञानिकों राहत नहीं मिली। जैसे तैसे वे घर चलाने पर मजबूर हुए। पता चला है कि वेतन निर्गत करने को लेकर आईआईटीएम, पुणे (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी) को नोडल एजेंसी बनाया गया है। नोडल एजेंसी के निर्देश पर खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से पैसा जारी किया जा चुका है लेकिन सरकार की तरफ से भुगतान की प्रक्रिया बदल दी गई है। उसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता है। पांच अगस्त को यहां से बजट जारी हो चुका है। केंद्रीय नोडल एजेंसी के जरिये प्रक्रिया पूरी की जा रही है। पहले मैपिंग होगी जिसकी प्रक्रिया चल रही है। भुगतान के नए नियम हो जाने से दिक्कत आ रही है। फिलहाल यह बताना संभव नहीं है कि वैज्ञानिकों को कब तक वेतन मिल पाएगा… के. के. सिंह, प्रमुख, कृषि मौसम परामर्श सेवाएं, दिल्ली।

यह भी पढ़ें:-सुल्तानपुर: वेतन न मिलने से शिक्षकों ने किया चाक डाउन, डीआईओएस के प्रति जताई नाराजगी

ताजा समाचार

होली पर विवाद का सीधा जवाब, सीएम योगी बोले- हिंदुओं से ज्‍यादा रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं मुस्लिम 
कांग्रेस के दो और विधायक सात दिन के लिए निलंबित, ओडिशा विधानसभा में की ‘अनुशासनहीनता’ 
Bahraich News : कृषि मंत्री बोले इतिहास से किया गया छेड़छाड़, पूरे में आक्रांताओं के प्रति है नाराजगी
AFC Asian Cup qualifiers : बांग्लादेश से ड्रॉ के बाद भारतीय मुख्य कोच मनोलो मार्केज निराश, कहा-भारत तीन कदम पीछे चला गया 
Kanpur: गोशालाओं में सीसीटीवी से होगी निगरानी, रिकार्डिंग से पता चलेगी गोवंश को समय से चारा और उपचार मिलने की हकीकत
युवाओं का भविष्य सफल बनाने में विफल रही केंद्र सरकार, स्कूलों में घटी दाखिलों की संख्या, बोले कांग्रेस नेता