Video: ‘बेटा उठ जा…उठ न बेटा…’ इलाज के इंतजार में मासूम ने मां की गोद में तोड़ा दम
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक मां अपने 5 साल के बीमार बेटे को गोद में लेकर अस्पताल के बाहर बैठी रही, लेकिन ओपीडी के समय में भी कोई डॉक्टर नहीं मिला। अस्पताल में डॉक्टर न होने से इलाज के अभाव में मां की गोद में ही मासूम बेटे ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ …
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक मां अपने 5 साल के बीमार बेटे को गोद में लेकर अस्पताल के बाहर बैठी रही, लेकिन ओपीडी के समय में भी कोई डॉक्टर नहीं मिला। अस्पताल में डॉक्टर न होने से इलाज के अभाव में मां की गोद में ही मासूम बेटे ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें अस्पताल के बाहर महिला रोती-बिलखती दिख रही है।
मामला जबलपुर जिले के बरगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। मृत बच्चे के परिजन का कहना है कि बच्चे को उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर बुधवार सुबह 10 बजे अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टर नहीं मिले। परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर से फोन पर बात कर जांच के निर्देश दिए हैं और रिपोर्ट मांगी है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना MP के जबलपुर जिले के बरगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है। इलाज नहीं मिला, बच्चे ने मां की गोद में दम तोड़ा। pic.twitter.com/sRTnV13u9g
— Amrit Vichar (@AmritVichar) September 1, 2022
हैरानी की बात तो यह है कि मासूम की मौत के कई घंटों बाद भी अस्पताल में पदस्थ न तो डॉक्टर पहुंचे और न ही इलाके की बीएमओ। जिससे परिजनों का गुस्सा गहरा गया और उन्होंने डॉक्टरों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।
मध्यप्रदेश के जबलपुर के बरगी की यह तस्वीरें बेहद ह्रदय विदारक है।
एक मासूम बालक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर अपनी माँ की गोद में तड़प-तड़प कर दम तोड़ देता है क्योंकि ना उसे डॉक्टर मिल पाया , ना इलाज मिल पाया। pic.twitter.com/bgfdsDtTRM— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 1, 2022
नाराज परिजनों का कहना है कि समय पर इलाज मिल जाता तो मासूम की जान बच जाती। ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी लाने के भले ही लाख दावे किए जाते हैं लेकिन अस्पताल के दरवाजे पर मां की गोद में 5 साल के बच्चे की मौत का होना सिस्टम पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
इधर कई घंटों देरी से पहुंचे अस्पताल के डॉक्टर ने देरी से आने की अपनी अलग ही वजह बताई। उनकी मानें तो एक दिन पहले उनकी पत्नी का व्रत था। लिहाजा उन्हें अस्पताल पहुंचने में देर हो गई। ग्रामीण परिवार ने अपने 5 साल के मासूम बच्चे को तो हमेशा के लिए खो दिया।
पुर्तगाल में स्वास्थ्य मंत्री ने दे दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि पुर्तगाल में एक भारतीय महिला की मौत को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इतना ही नहीं महिला की मौत के कारण वहां की स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मार्टा टेमिडो को अपना पद भी गंवाना पड़ गया है। पुर्तगाल की राजधानी लिस्बॉन में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाते समय दिल का दौरा पड़ने से भारतीय महिला पर्यटक की मौत हो गई। गौरतलब है कि वहां इस तरह का ये कोई पहला मामला नहीं है। बीते कुछ समय में ऐसे मामले सामने आएं हैं, जिनमें देखा गया है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य व्यवस्था में कमी के चलते मरीजों को खामियाजा भुगतना पड़ा है।
दरअसल, एक गर्भवती भारतीय महिला घूमने के लिए पुर्तगाल गई थी। महिला डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंती थी, लेकिन पुर्तगाल के सबसे बड़े अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में उसे जगह नहीं मिली। जिसके कारण उसे एक दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया था। पुर्तगाल की राजधानी लिस्बॉन में महिला को जब एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाया जा रहा था तभी उसे दिल का दौरा पड़ा। जिसके चलते भारतीय महिला पर्यटक की मौत हो गई। हालांकि महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है।
गर्भवती भारतीय महिला को राजधानी लिस्बॉन के सांता मारिया अस्पताल में ले जाया गया था, लेकिन वहां के मेटरनिटी वार्ड में बेड खाली ना होने का हवाला देते हुए उसे भर्ती नहीं किया गया। गौरतलब है कि सांता मारिया अस्पताल देश का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है। फिलहाल महिला की मौत के मामले में प्रशासनिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
डॉक्टर मार्टा टेमिडो के इस्तीफे को लेकर पुर्तगाल की प्रधानमंत्री ने एक बयान भी जारी किया है। पुर्तगाल सरकार ने कहा है कि डॉक्टर मार्टा को एहसास हो गया था कि उनके पास अब पद पर बने रहने के लिए कोई वजह नहीं है। प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने कहा कि भारतीय महिला की मौत वह आखिरी घटना है..जिसके चलते उनका इस्तीफा लिया गया है।
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