दिल्ली: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंचा, मंगलवार से प्रभावित लोग अपने क्षेत्र में जाएंगे वापस

दिल्ली: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंचा, मंगलवार से प्रभावित लोग अपने क्षेत्र में जाएंगे वापस

नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान 204.5 मीटर से नीचे आ गया और प्रभावित लोगों को उनके क्षेत्रों में वापस भेजने का काम मंगलवार से किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, रविवार को दोपहर 12 बजे जलस्तर 204.65 मीटर था, जो सोमवार …

नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान 204.5 मीटर से नीचे आ गया और प्रभावित लोगों को उनके क्षेत्रों में वापस भेजने का काम मंगलवार से किया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, रविवार को दोपहर 12 बजे जलस्तर 204.65 मीटर था, जो सोमवार को दोपहर 12 बजे 204.48 मीटर पर पहुंच गया। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार की शाम करीब चार बजे नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था, जिससे अधिकारियों को निचले इलाकों से करीब सात हजार लोगों को निकालना पड़ा।

शनिवार देर रात करीब दो बजे जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया। पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट अनिल बांका ने बताया कि इन लोगों को मंगलवार को वापस उनके स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है, क्योंकि जल स्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है और लगातार कम ही हो रहा है। दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से दोपहर 12 बजे 22,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी थी।

शनिवार देर रात एक बजे 1.49 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और बृहस्पतिवार को दिन में तीन बजे 2.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है। आम तौर पर हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का प्रवाह बढ़ जाता है।

बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं। पिछले साल 30 जुलाई को यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी और पुराने रेलवे ब्रिज पर पानी का स्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया था। इससे पहले, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से नदी के किनारे नहीं जाने का आग्रह किया था। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘ यमुना के पास रहने वालों के लिए हमने पर्याप्त व्यवस्था की है। प्रशासन और सरकार का सहयोग कीजिये। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।’’

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