जौनपुर: सिपाही हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत सात दोषी करार

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले की एक अदालत ने 27 साल पहले हुए जीआरपी सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत सात आरोपितों को दोषी करार दिया है। सजा पर बहस के लिए कोर्ट ने सोमवार आठ अगस्त की तिथि तय की है। अपर सत्र न्यायाधीश(तृतीय) शरद कुमार त्रिपाठी ने शनिवार को सांसद …
जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले की एक अदालत ने 27 साल पहले हुए जीआरपी सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत सात आरोपितों को दोषी करार दिया है। सजा पर बहस के लिए कोर्ट ने सोमवार आठ अगस्त की तिथि तय की है। अपर सत्र न्यायाधीश(तृतीय) शरद कुमार त्रिपाठी ने शनिवार को सांसद को दोषी करार दिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चार फरवरी 1995 को जीआरपी सिपाही रघुनाथ सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था कि दिन में लगभग दो बजे रायफल, पिस्टल और रिवाल्वर जैसे असलहों से लैस होकर आरोपी पुलिस लॉकअप में बंद चालक राजकुमार यादव को जबरन छुड़ा ले गए।
इस दौरान हुई अंधाधुंध फायरिंग में सिपाही अजय सिंह, लल्लन सिंह और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। दिनदहाड़े हुई इस ताबड़तोड़ फायरिंग से इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। इस मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव और राजकुमार यादव समेत राजकुमार यादव, धर्मराज यादव, महेंद्र, सूबेदार, बच्चू लाल समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया था।
पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया। बीच में पत्रावली एमपी एमएलए कोर्ट प्रयागराज चली गई। पूर्व में पत्रावली एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज चली गई। पुनः हाईकोर्ट के निर्देश पर पत्रावली दीवानी न्यायालय जौनपुर में स्थानांतरित हुई और यहां के एमपी-एमएलए कोर्ट में फाइनल बहस शुरू हुई थी।
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