अयोध्या : करोड़ों खर्च कर रामनगरी में तैयार की गयी सुविधाएं हुई बेमानी, अभी भी निष्प्रयोज्य हैं यह 5 बड़े प्रोजेक्ट्स

अयोध्या, अमृत विचार। रामलला के मंदिर का निर्माण तो 30 फीसदी पूरा हो गया है, लेकिन अयोध्या को पर्यटन स्थल बनाने का काम अब भी भविष्य के गर्त में दिख रहा है। आलम यह है कि जिन प्रोजेक्ट के काम पूरे हो चुके हैं, उनका लोकार्पण करने के बाद भी शुरू नहीं किया गया। सब …
अयोध्या, अमृत विचार। रामलला के मंदिर का निर्माण तो 30 फीसदी पूरा हो गया है, लेकिन अयोध्या को पर्यटन स्थल बनाने का काम अब भी भविष्य के गर्त में दिख रहा है। आलम यह है कि जिन प्रोजेक्ट के काम पूरे हो चुके हैं, उनका लोकार्पण करने के बाद भी शुरू नहीं किया गया। सब के सब निष्प्रयोज्य पड़े हैं। मुख्यमंत्री के सामने लंबी-चौड़ी प्रगति कागजों दिखा अधिकारी इतिश्री कर ले रहे हैं।
5 अगस्त 2020 का दिन। यह दिन अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिहाज से मायने रखता है। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभमि मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी। इसी के साथ अयोध्या धाम को देश की सबसे बड़ी पर्यटन नगरी बनाने की कवायद शुरू हो गई थी। शुक्रवार को मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के दो वर्ष पूरे हो गए, लेकिन सिर्फ दिन ही गिने गए। काम धरातल बहुत नहीं दिखा। इस मामले में कोई अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अमृत विचार आज आपको अयोध्या के उन पांच प्रोजेक्ट की तस्वीर दिखाने जा रहा है, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी ताला लटक रहा है।
1-अयोध्या धाम बस अड्डा
बस अड्डे का निर्माण काफी समय पहले ही पूरा हो चुका है। अयोध्या धाम में गोरखपुर हाईवे पर बूथ नंबर 4 से थोड़ा आगे स्थित 7.39 करोड़ के अधिक की लागत से बने बस अड्डे पर न बसें दिखती है और न ही सवारियां। करोड़ों का प्रोजेक्ट आज भी धूल फांक रहा है। अयोध्या ही नहीं बल्कि देश भर के श्रद्धालु इसके आरंभ होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
2-भजन संध्या स्थल
नया घाट चौराहे के समीप करोड़ों की लागत से बना भजन संध्या स्थल भी आज भजन होने का इंतजार कर रहा है। सरयू तट पर इसके निर्माण के बाद यहां सर्वधर्म समभाव की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए सेंटर में कबीर, रहीम और रसखान के दोहों के साथ ही प्रमुख संतों और कवियों के भजन और कीर्तन की व्यवस्था इस केंद्र में होनी थी।
3-बहुउद्देशीय हॉल
दिगंबर अखाड़ा के पीछे बने बहुउद्देशीय हाल का लोकार्पण बहुत पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं। इसे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और ठहरने के लिए बनाया गया था, लेकिन आज स्थिति यह है कि वहां हमेशा ताला लटका रहता है। सिर्फ शादियों के लिए बुक होता है।शायद ही अयोध्या आने वाले किसी भी श्रद्धालु को इसके बारे में कुछ जानकारी होगी।
4-अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर
अशर्फी भवन के पास बने अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर में हमेशा ही ताला लटका रहता है। इसके हैंडओवर हुए एक वर्ष का समय बीत रहा है, लेकिन इसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। तकरीबन 99 लाख रुपये से बनने वाले मीडिया सेंटर को हाईटेक तरीके से बनाया गया है। इसे देश भर से आने वाली मीडिया के लिए बनाया गया है। यहां आज तक कोई कार्यक्रम तक नहीं हुआ।
5-आईटीएमएस प्रोजेक्ट
अयोध्या में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत 20 चौराहों को ट्रैफिक लाइट्स व कैमरों से युक्त किया गया है। सभी चौराहों पर ट्रैफिक लाइट्स लगा दी गईं, लोकार्पण महीनों पहले हो चुके लेकिन आज तक यह अपने निर्धारित सिस्टम पर काम नहीं कर रहा। साल भर से चल रहे इस प्रोजेक्ट के चालू होने से जाम का समाधान भी नहीं हुआ।
क्या बोले अधिकारी
बस अड्डे का निर्माण पूरा होने के संबंध में जब क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बस अड्डा बन चुका है और वहां बसें भी पहुंच रही हैं, लेकिन जब अमृत विचार ने उन्हें वहां की स्थिति से रूबरू कराया तो वह पलट गए। उन्होंने कहा कि इसके लिए रोडवेज के एआरएम व आरएम से बात कीजिए। बहुद्देशीय हाल के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह हमारा प्रोजेक्ट नहीं है, जबकि वहां लोकार्पण बोर्ड पर साफ-साफ पर्यटन विभाग के सचिव व महानिदेशक जितेंद्र कुमार का नाम लिखा है।
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