चम्बल एक्सप्रेस-वे के जुड़ने से इटावा का भरथना होगा Expressway हब

इटावा। महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़ा उत्तर-प्रदेश का जनपद इटावा एक्सप्रेस-वे हब बनता जा रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और फिर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे उसके बाद अब चंबल एक्सप्रेस-वे भी प्रदेश के इटावा से निकलेगा। एक साथ तीन-तीन एक्सप्रेस-वे के जुड़ाव बाला उत्तर-प्रदेश का इटावा पहला जनपद और भरथना-ताखा पहली तहसील मानी जा रही है। आपको बतादें …
इटावा। महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़ा उत्तर-प्रदेश का जनपद इटावा एक्सप्रेस-वे हब बनता जा रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और फिर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे उसके बाद अब चंबल एक्सप्रेस-वे भी प्रदेश के इटावा से निकलेगा। एक साथ तीन-तीन एक्सप्रेस-वे के जुड़ाव बाला उत्तर-प्रदेश का इटावा पहला जनपद और भरथना-ताखा पहली तहसील मानी जा रही है।
आपको बतादें इटावा जनपद को कभी चंबल घाटी के कुख्यात डाकुओं की कर्मस्थली भी बोला जाता रहा है लेकिन प्रशासनिक और पुलिस की कसरत ने डाकुओं का खात्मा तो किया ही,बल्कि अब एक साथ तीन-तीन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से विकास और रोजगार के तमाम नये रास्ते भी खोल दिए हैं।
चंबल एक्सप्रेस-वे बनने की खबर के बाद इटावा जनपद के लोगों में काफी खुशी दिखाई दे रही है। लोगों को लग रहा है कि तीनों एक्सप्रेस-वे के जरिए इटावा में विकास की नई राह तो शुरू होगी ही साथ ही रोजगार के नए-नए रास्ते भी खुल सकेंगें।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा के सांसद प्रो० रामशंकर कठेरिया ने बीते दिन चंबल एक्सप्रेस-वे की जानकारी देते हुए बताया कि इटावा जनपद की सबसे बड़ी तहसील रही भरथना के पास नगरिया सरावा गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से चंबल एक्सप्रेस-वे का जुड़ाव होगा। इसके निर्माण के लिए करीब 8800 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। चंबल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य इस साल के अन्तिम माह में शुरू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। राजस्थान के कोटा से निकल कर यू०पी० के इटावा तक करीब 400 किलो मीटर दूरी तय करने बाला चंबल एक्सप्रेस-वे फोरलेन होगा। इसी साल नवंबर माह से चंबल एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो जायेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रो० रामशंकर कठेरिया ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण को जल्द से जल्द चालू करवाने के लिए मुलाकात भी की है।
चंबल एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश,उत्तर-प्रदेश और राजस्थान सहित तीन राज्यों में प्रस्तावित छह लेन का एक्सप्रेस-वे है । चंबल एक्सप्रेस-वे नाम दिया गया है क्योंकि इसे चंबल नदी के किनारे बनाया जाएगा। एक्सप्रेस-वे राजस्थान में कोटा को उत्तर-प्रदेश में श्योपुर और मुरैना जिलों के माध्यम से इटावा से जोड़ेगा । प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे की लागत 8,800 करोड़ रुपये आंकी गई है।
417 किलो मीटर लंबा प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे मध्य-प्रदेश के माध्यम से कानपुर से कोटा तक एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है और फिर दिल्ली मुंबई काॅरिडोर में शामिल होता है। प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 417 किलो मीटर है,जो राजस्थान के कोटा से शुरू होकर मध्य-प्रदेश होते हुए यू०पी० के इटावा में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा।
चंबल एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित परियोजना क्राॅस-कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। स्वर्णिम चतुर्भुज का दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर के साथ उत्तर-दक्षिण कारिडोर के साथ पूर्व-पश्चिम गलियारा के साथ और दिल्ली-मुंबई-एक्सप्रेस-वे के साथ यह मध्य-प्रदेश के माध्यम से कानपुर से कोटा तक एक वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगा।
प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे से कौन लाभान्वित होगा?
प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे मुख्य रूप से चंबल क्षेत्र में आदिवासी समुदायों और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है क्योंकि यह देश का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है।
साथ ही, तीनों राज्यों यानी एम०पी०, राजस्थान और यू०पी०के किसान सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे क्योंकि वे अपनी फसलों को आसानी से दिल्ली,मुंबई के बाजारों में भेज सकेंगे। यह मध्य- प्रदेश के चंबल संभाग के औद्योगीकरण और विकास में भी मदद करेगा।
उदी के निवासी महाराज सिंह भदौरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटावा को एक नया तोहफा दिया है इस तोहफ से इटावा की बदहाल तस्वीर मे बदलाव होगा । चंबल एक्सप्रेस-वे राजस्थान के कोटा से शुरू होगा जो मध्य-प्रदेश होते हुए उत्तर-प्रदेश के इटावा मे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर जुडेगा। यह एक्सप्रेस वे दुर्गम बीहड के इलाक से निकल रहा है ।
उदी निवासी राजेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया है कि चंबल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद रोजगार और विकास के नये नये आयाम भी खडे किये जाएंगे । यह एक्सप्रेस-वे चंबल की खुशहाली में एक नगीने का काम करेगा। बीहडी वासियों की बदहाली हर हाल मे इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद दूर होगी। शहर के रहने वाले मुन्नालाल ने बताया कि चंबल एक्सप्रेस-वे को इटावा से निकल वाने के लिए इटावा वासी होने के नाते वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं क्योंकि इस चंबल एक्सप्रेस-वे के बनने से इटावा की सूरत और सीरत में आमूल चूल परिवर्तन होगा।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा से भाजपा के सांसद प्रो०रामशंकर कठेरिया ने बताया कि चंबल एक्सप्रेस-वे इटावा के नगरिया सरावा गांव से जुड़ेगा। यहां पर इसे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किलो मीटर 285 से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले यह एक्सप्रेस-वे भरथना तहसील में जाकर खत्म हो रहा था। अब करीब 18 किलो मीटर इसका दायरा बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि कोटा राजस्थान से चलकर करीब 400 किलो मीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे बनेगा।
उत्तर- प्रदेश में यह करीब 417 किलो मीटर लंबा होगा। यह आठ हजार आठ सौ करोड़ की लागत से बनेगा और 12 मीटर चौड़ा होगा। फिलहाल इसे फोरलेन बनाया जाएगा। भविष्य में इसे सिक्स लेन करने की योजना है। इस संबंध में अभी हाल ही में केंद्रीय परिवहन एवं भूतल मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सांसद श्री कठेरिया ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत केंद्र सरकार ने पूरे देश में एक्सप्रेसवे बनाना शुरू किया है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ किया था।
उन्होंने जिस तरीके से बुंदेलखंड को विशेष पैकेज दिया है, उसी तरह उन्होंने मांग की है कि इटावा-औरैया के चंबल के पिछड़े हुए क्षेत्र को विशेष पैकेज दिया जाए। रोजगार की दिशा में बड़े उपक्रम लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे चंबल का विकास होगा।