अयोध्या: बारिश नहीं, नदियों के डिस्चार्ज से बढ़ा बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट

अयोध्या: बारिश नहीं, नदियों के डिस्चार्ज से बढ़ा बाढ़ का खतरा, प्रशासन अलर्ट

अयोध्या। गिरिजा, शारदा और सरयू बैराज से लगातार हो रहे डिस्चार्ज और पहाड़ी इलाकों में बारिश ने बाढ़ के खतरे की घंटी बजा दी है। एक ओर जहां लगातार उफनाती सरयू नदी खतरे के निशान को छूने को बेताब दिखाई दे रही है तो वहीं सरयू से सटे इलाकों में बाढ़ का खौफ पसरने लगा …

अयोध्या। गिरिजा, शारदा और सरयू बैराज से लगातार हो रहे डिस्चार्ज और पहाड़ी इलाकों में बारिश ने बाढ़ के खतरे की घंटी बजा दी है। एक ओर जहां लगातार उफनाती सरयू नदी खतरे के निशान को छूने को बेताब दिखाई दे रही है तो वहीं सरयू से सटे इलाकों में बाढ़ का खौफ पसरने लगा है। हालांकि जिला प्रशासन ने पूरी तैयारियों का दावा किया है लेकिन तटवर्ती इलाकों में रहने वाले खतरा भांप चुके हैं।

मैदानी क्षेत्रों में इस बार अवर्षण के हालात व बाढ़ संकट को लेकर राहत की सांस ले रहे प्रशासन की नींद पहाड़ी क्षेत्रों और नदियों के डिस्चार्ज ने उड़ा दी है। रविवार सुबह आठ बजे तक केन्द्रीय जल आयोग से मिले आंकड़ों के अनुसार तीनों बैराजों से कुल 194362 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज दर्ज किया गया है, जिसके देर शाम तक और बढ़ जाने की संभावना है।

गिरजा बैराज से 125721, शारदा से 68147 और सरयू बैराज से 494 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिसके चलते सरयू नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे में 24 सेमी. बढ़ चुका है। प्रति घंटे एक सेमी. की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। नदी चेतावनी बिंदु 91.73 मीटर के करीब पहुंच गई है। रविवार को शाम छह बजे जलस्तर 91.59 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो चेतावनी बिंदु से महज 14 सेमी. दूर है।

लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण इससे तटवर्ती इलाकों में हलचल तेज हो गई है। वहीं प्रशासन ने तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी है। तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा भांप कर लोगों ने ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर पलायन की तैयारी भी शुरू कर दी है। इन इलाकों के लोगों का कहना है कि जब गांवों में पानी दाखिल हो जाता है तब प्रशासन राहत के इंतजाम शुरू करता है। ऐसे में पहले से ही हम लोग अपनी तैयारी कर लेते हैं।

लोगों का कहना है कि फसलों को तो बचा नहीं पाते अपने परिवार को तो बचाना ही है। इसीलिए तटवर्ती इलाकों में रहने वाले ग्रामीण सरयू के रुख से परेशान हैं, ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की तैयारी में जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि कई गांवों के मुहाने तक नदी का पानी पहुंच चुका है। रुदौली क्षेत्र के कई गांवों के मुहाने तक पानी पहुंचने लगा है। कोपेपुर, बरई, सराय नासिर, चक्का, अब्बुपुर, सल्लाहपुर, कैथी, महंगूपुरवा आदि गांवों के सैकड़ों किसानों की फसल डूबने के कगार पर है। वहीं प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी है।

रुदौली के आसपास कई गांवों में कटान शुरू

रुदौली तहसील अंतर्गत स्थित कैथी घाट के आसपास कई गांवों में सरयू नदी का प्रकोप शुरू हो गया है। बढ़ रहे जलस्तर से आसपास के गांवों में कटान शुरू हो गई है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कैथी, मांझा व महंगू का पुरवा निवासी का कहना है कि सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे जमीनों में कटान भी शुरू हो गया है, लेकिन अभी प्रशासन चैन की नींद सो रहा है।

ग्रामीणों को भय है कि बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी उनकी जमीनें नदी में समा जाएंगी। ग्रामीणों का कहना है की प्रशासन इस मामले में समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाता तो बाढ़ आने के बाद क्षेत्र में तबाही तय है। आरोप है कि प्रशासन की नींद खुलती है लेकिन तब तक किसानों की हजारों बीघा कृषि योग्य भूमि घाघरा नदी में समा जाती है। उपजिलाधिकारी रुदौली स्वप्निल यादव का कहना है कि अभी सरयू नदी का जलस्तर सामान्य है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाने हुए है।

वर्जन
जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब जरूर पहुंच गया है लेकिन अभी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। सरयू के जलस्तर की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। जिला प्रशासन की टीम सक्रिय व मुस्तैद है। तहसील, राजस्व व स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट रखा गया है। तटबंधों की निगरानी के लिए टीम लगाई गई है।– महेंद्र कुमार सिंह, एडीएम वित्त व राजस्व

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