लखनऊ: केजीएमयू में इलाज हो सकता है महंगा, लेकिन सरकार से अनुमति मिलने के बाद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राजधानी स्थित केजीएमयू में मरीजों को इलाज कराने के लिए अब अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ सकती है। 50 रुपये में बनने वाला पर्चा आने वाले दिनों में 100 रूपये में बनेगा, यानी की मरीज को पंजीकरण शुल्क के तौर पर 100 रुपये देने होंगे। इसके अलावा जांचों के दाम …
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राजधानी स्थित केजीएमयू में मरीजों को इलाज कराने के लिए अब अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ सकती है। 50 रुपये में बनने वाला पर्चा आने वाले दिनों में 100 रूपये में बनेगा, यानी की मरीज को पंजीकरण शुल्क के तौर पर 100 रुपये देने होंगे। इसके अलावा जांचों के दाम में भी बढ़ोत्ती होना तय मानी जा रही है।
कुछ जांचों के दाम एसजीपीजीआई व लोहिया संस्थान के बराबर करने की तैयारी चल रही है। इन सब बातों पर आज हुई कार्यपरिषद में चर्चा हुई है, उसके बाद शुल्क बढ़ाये जाने को लेकर निर्णय भी हुआ है। वहीं केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ.सुधीर सिंह के मुताबिक सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही शुल्क बढ़ाये जायेंगे। मौजूदा समय में पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी।
दरअसल केजीएमयू प्रशासन ने पंजीकरण व कुछ जांचो का शुल्क बढ़ाने का मन बनाया था,इसी के तहत पंजीकरण शुल्क 50 रूपये से बढ़ाकर 100 करने की तैयारी चल रही थी,जिस पर अंतिम फैसला कार्यपरिषद को लेना था। आज हुई बैठक में शुल्क बढ़ाये जाने को लेकर कार्यपरिषद ने अपना निर्णय दे दिया है। सरकार के सहमति के बाद शुल्क बढ़ाया जायेगा।
केजीएमयू की ओपीडी में अभी पंजीकरण का शुल्क मात्र 50 रुपये है, अभी यह पंजीकरण छ: महीने के लिए मान्य होता है। इसके बाद ओपीडी में पंजीकरण के लिए दोबारा शुल्क देना होता है। सरकार से अनुमति मिलने के बाद पंजीकरण शुल्क 100 रूपये कर दिया जायेगा,जिसका सीधा असर जनता पर पड़ना तय माना जा रहा है।