कानपुर: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के निरीक्षण में नदारद रहे डॉक्टर, नजर आए दलाल

कानपुर: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के निरीक्षण में नदारद रहे डॉक्टर, नजर आए दलाल

कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पतालों में दलाल की कुछ जूनियर डॉक्टरों और स्टाफ से सेटिंग का खेल चल रहा है, जिसकी वजह से न सिर्फ मरीज की जान पर बन आ रही है, बल्कि तीमारदार परेशान हो रहे हैं। वह इलाज की आस लिए अस्पताल आते हैं, लेकिन उन्हें बरगलाकर नर्सिंगहोम भेज दिया जाता …

कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पतालों में दलाल की कुछ जूनियर डॉक्टरों और स्टाफ से सेटिंग का खेल चल रहा है, जिसकी वजह से न सिर्फ मरीज की जान पर बन आ रही है, बल्कि तीमारदार परेशान हो रहे हैं। वह इलाज की आस लिए अस्पताल आते हैं, लेकिन उन्हें बरगलाकर नर्सिंगहोम भेज दिया जाता है। इसकी शिकायतें प्राचार्य प्रो. संजय काला और अन्य अधिकारियों से पास आई, जिसके बाद उन्होंने बुधवार देर रात हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में औचक निरीक्षण किया।

उनके आते ही अस्पताल में खलबली मच गई। प्रो. काला के साथ सीएमएस डॉ. शुभ्रांशु शुक्ला, नोडल अधिकारी प्रो. गणेश शंकर, ईएमओ डॉ. अनुराग राजोरिया और सुरक्षाकर्मियों के सुपरवाइजर मौजूद रहे। हैलट अस्पताल पुलिस चौकी इंचार्ज फोर्स के साथ मौके पर थे। इमरजेंसी से दो दलाल पकड़े गए। उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा गया। एक अन्य दलाल की सीसीटीवी फुटेज कैमरों में मिली है। उसके खिलाफ स्वरूप नगर थाने में शिकायत की गई।

दलाल के साथ ही मेडिसिन विभाग का एक जूनियर डॉक्टर (जेआर थ्री) भी नजर आया। उसने दलाल को अपने कमरे में बुलाया था। गार्ड ने रोकने की कोशिश की तो उसको धमकी दी गई। प्राचार्य ने जूनियर डॉक्टर को मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल में संबद्ध कर दिया है। उसके खिलाफ जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो कि अपनी रिपोर्ट देगी।

प्राचार्य के निरीक्षण में 9 जूनियर डॉक्टर नाइट ड्यूटी से नदारद रहे। इसमें सर्जरी, ऑर्थो, मेडिसिन, न्यूरो विभाग के जूनियर डॉक्टर शामिल हैं। सभी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। नोडल अधिकारी प्रो. गणेश शंकर ने बताया कि दलाल के खिलाफ थाने में शिकायत की गई है। जूनियर डॉक्टर की जांच के लिए गठित कमेटी का हेड उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरी हैं।

पेशेंट मूवमेंट रजिस्टर सिस्टम लागू

अस्पताल में दलालों और स्टाफ की सेटिंग के खेले को रोकने के लिए गुरुवार की रात 11 बजे से पेशेंट मूवमेंट रजिस्टर सिस्टम को लागू कर दिया गया है। वार्ड के गेट नंबर एक, 17 और एसआईसी बिल्डिंग के बाहर दो-दो गार्ड तैनात किए गए हैं। यह रजिस्टर लिए रहेंगे। किसी भी मरीज के बाहर जाने के कारण लिखेंगे। उन्हें किसने जाने के लिए कहा, इसका ब्यौरा देंगे। मरीजों के जाने के बाद उस वार्ड के जूनियर डॉक्टरों और अन्य स्टाफ से पूछताछ की जाएगी। मरीज और तीमारदार रजिस्टर की इंट्री भरने के बाद ही अस्पताल से बाहर निकल सकेंगे।

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