हिन्दू नववर्ष पर जानें अपने ग्रहों का हाल, आद्रा नक्षत्र में हो रहा सूर्य का प्रवेश
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लखनऊ, अमृत विचारः हिन्दू नववर्ष की शुरुआत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 मार्च से कालयुक्त नामक नव संवत्सर विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी। मान्यता है कि इस तिथि को भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना शुरू की थी।
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि माना जाता है कि देवी शक्ति की पूजा की शुरुआत इसी दिन से हुई थी। नववर्ष संवत्सर 2082 के राजा सूर्य हैं। मेष संक्रांति 13 अप्रैल रविवार को है। नववर्ष के मंत्री भी सूर्य है। इस वर्ष सूर्य 22 जून को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं। उस समय जो कुंडली बनेगी उसे आद्रा प्रवेश कुंडली कहा जाता है। संवत् 2082 की ग्रहपरिषद् में राजा का पद सूर्य को प्राप्त हुआ है। राजा के अलावा सूर्य मन्त्री और मेघेश भी है। बुध सस्येश और नीरसेश, चन्द्रमा धान्येश, शुक्र रसेश, शनि फलेश और दुर्गेश तथा मंगल धनेश के पद पर रहेंगे।
धन और खनिज तथा धातु के स्वामी बुध रहेंगे। इस वर्ष मंगल खाद्य पदार्थों के स्वामी होंगे और दुर्गेश सूर्य के निकट रहेंगे। इस संवत्सर में अच्छी वर्षा की संभावना है। नए संवत्सर 2082 की शुरुआत के दिन ग्रहों का एक शुभ संयोग उत्पन्न हो रहा है। इस दिन रेवती नक्षत्र संध्या 6:14 बजे तक विद्यमान रहेगा। इसके बाद अश्वनी नक्षत्र का आरंभ होगा। मीन लग्न सुबह 6:36 बजे तक रहेगा। इसके पश्चात मेष लग्न शुरु होगा।
सस्येश बुध का फल- अच्छी बारिश, धान्येश चंद्र का फल: जनता को सुख शांति,
शुक्र का फल: लोगों की आस्था धर्म, अध्यात्म, संस्कृति के प्रति वैचारिक परिवर्तन होंगे। तीर्थ मंदिरों की ओर लोगों का रूझान बढ़ेगा।
बुध का फल: वन औषधि की मिलेगी अच्छी कीमत,
गुरु का फल: खंडवृष्टि और अच्छी फसल,
मंगल का फल: शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव,
शनि का फल: उन्मादी राष्ट्रों में अस्थिरता, आंतरिक गृह युद्ध की स्थिति दिखाई देगी।
भारत का पश्चिमी देशों से आयात निर्यात बढ़ेगा, भारत की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी।इस वर्ष सूर्य का प्रभाव अधिक रहेगा यदि कुंडली में सूर्य पीड़ित है तो सूर्य के उपाय करने चाहिए। सूर्य देव को जल अर्पित करें, सूर्य मंत्र जपें। गुड़ गेहूं का दान कर सकते हैं।
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