अयोध्या: कोर्ट में जेल अधीक्षक व डिप्टी जेलर की गवाही के बाद खब्बू को आरोपों से किया मुक्त

अयोध्या। मंडल कारागार में एक बंदी से मारपीट के मामले में अदालत ने आरोप साबित न होने का लाभ देते हुए पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू को दोषमुक्त कर दिया। आदेश विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट प्रशांत शुक्ला की अदालत से गुरुवार को हुआ। इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी के अधिवक्ता राम शंकर …
अयोध्या। मंडल कारागार में एक बंदी से मारपीट के मामले में अदालत ने आरोप साबित न होने का लाभ देते हुए पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू को दोषमुक्त कर दिया। आदेश विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट प्रशांत शुक्ला की अदालत से गुरुवार को हुआ।
इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी के अधिवक्ता राम शंकर तिवारी ने बताया की घटना 21 अक्टूबर 2002 की है। जेल में निरुद्ध बंदी लक्ष्मी निवास अग्रवाल ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि उसे सुबह 8 बजे जेल में निरूद्ध खब्बू ने दो तमाचा मारा था। साथ ही जान से मार डालने की धमकी भी दी थी। यह कृत्य उन्होंने 8 साल पुरानी रंजिश की वजह से किया।
इसकी रिपोर्ट लिखे जाने के बाद पुलिस ने विवेचना करके मामले में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। इस बीच लक्ष्मी निवास अग्रवाल की मौत हो गई। अदालत में डिप्टी जेलर पी एन पांडे ने गवाही के दौरान बताया कि जहां खब्बू बंद थे। उस सर्किल का मैं इंचार्ज था।
सर्किल में घटना वाले दिन कोई मारपीट नहीं हुई और ना कोई बंदी मारा गया। इसके अलावा जेल अधीक्षक बृजेंद्र कुमार अवस्थी ने भी कोर्ट में उपस्थित होकर बताया कि मेरे सामने कोई मारपीट या झगड़ा बंदियों के बीच नहीं हुआ था। ना किसी जेल के कर्मचारी ने मुझसे ऐसी कोई शिकायत की थी। दोनों की गवाही के बाद कोर्ट ने खब्बू तिवारी को उनके ऊपर लगाए गए आरोप से दोषमुक्त कर दिया।
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