उत्तराखंड: 30 यात्रियों के साथ भीमताल से शुरू हुई आदि कैलाश यात्रा, अब तक हुए 700 से अधिक पंजीकरण

उत्तराखंड: 30 यात्रियों के साथ भीमताल से शुरू हुई आदि कैलाश यात्रा, अब तक हुए 700 से अधिक पंजीकरण

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोना महामारी के दो साल बाद कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से संचालित आदि कैलास यात्रा मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ शुरू हो गई। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की उत्सुकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 700 से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। पहला दल …

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोना महामारी के दो साल बाद कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से संचालित आदि कैलास यात्रा मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ शुरू हो गई। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की उत्सुकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 700 से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। पहला दल भीमताल टीआरसी से धारचूला के लिए रवाना हो गया। इस दौरान यात्रियों में गजब का उत्साह देखने को मिला।

कुछ इस तरह तिलक लगाकर और माला पहनाकर आदि कैलाश यात्रा के यात्रियों का स्वागत किया गया।

आदि कैलाश यात्रा का पहला दल मंगलवार सुबह आठ बजे भीमताल पर्यटक आवास गृह पहुंचा। यहां नाश्ता करने के बाद 30 यात्रियों का दल 10:30 बजे रवाना हुआ। यात्रा दल कैंची धाम, चितई गोलू मंदिर के दर्शन करते हुए दोपहर का भोज जागेश्वर धाम में करेगा। आज रात्रि विश्राम पर्यटक आवास ग्रह पिथौरागढ़ में रहेगा। इस मौके पर प्रबंध निदेशक कुमाऊं मण्डल विकास निगम विनीत तोमर, महाप्रबंधक एपी बाजपेई, दीपक पांडे आदि मौजूद रहे।

आदि कैलाश यात्रा दल को रवाना करते कुमाऊं मंडल विकास निगम के अधिकारी।

कुमाऊं मंडल विकास निगम ने इस बार नोएडा की संस्था डिवाइन मंत्रा प्रा लि ट्रिप टू टेंपल्स के साथ अनुबंध किया है। संस्था को परिवहन, यात्री पंजीकरण की जिम्मेदारी दी गई है। बताते चलें कि कुमाऊं मंडल विकास निगम वर्ष 1990 से आदि कैलास यात्रा संचालित करा रहा है। पहले इस यात्रा के लिए सड़क ना होने के कारण आवागमन में करीब 200 किलोमीटर पैदल चलना होता था। अब भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के प्रयासों और सीमा सड़क निर्माण विभाग के सानिध्य में नावीढांग एवं जोलीकांग तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। जिससे यात्रियों को करीब सौ किमी से अधिक पैदल नहीं चलना होगा।

केएमवीएन के जीएम एपी बाजपेयी ने बताया कि यात्रा की तैयारी पूरी हो चुकी है। दल में 15 महिलाओं समेत 30 यात्री हैं। इसके अलावा निगम के गाइड शामिल हैं। अब तक सात सौ से अधिक यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं। जून माह तक के पंजीकरण फुल हो चुके हैं।

रोमांच के साथ धार्मिक महत्व की है यात्रा
स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ॐ पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा जितनी ही प्रमुखता दी गई है। पिथौरागढ़ जिले में भारत तिब्बत सीमा के पास स्थित आदि कैलास जो कैलास पर्वत की छवि है। मान्यता है कि आदि कैलास पर भी समय-समय पर भोले बाबा का निवास रहा है। पास ही स्थित पार्वती सरोवर में माता पार्वती का स्नान स्थल हुआ करता था। ॐ पर्वत तीन देशों की सीमाओं से लग है। इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं वृहत पुराण जैसे ग्रंथों में मिलता है।

यात्रा में इन धार्मिक पड़ावों से गुजरेंगे श्रद्धालु
आदि कैलास एवं ॐ पर्वत यात्रा महज दो स्थानों की नहीं बल्कि अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे हैं। काठगोदाम, भीमताल से काठगोदाम तक आठ दिनों में होने वाली यह यात्रा नीम करोली बाबा आश्रम कैंची धाम, चितई गोलू मंदिर, जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड, पाताल भुवनेश्वर, महाभारत काल के बहुत से स्थानों जैसे पांडव किला, कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरेगी।