रामपुर: एक महीने में डेढ़ करोड़ की सिगरेट का धुआं उड़ाकर बीमारियां गले लगाते हैं रामपुर के लोग

रामपुर: एक महीने में डेढ़ करोड़ की सिगरेट का धुआं उड़ाकर बीमारियां गले लगाते हैं रामपुर के लोग

रामपुर, अमृत विचार। एक महीने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की सिगरेट पीकर रामपुर शहर के लोग धुआं उड़ा रहे हैं, साथ ही कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों को भी गले लगा रहे हैं। यह हैरत की बात है, जिसपर हम तम्बाकू निषेध दिवस के दिन ही गौर फरमाते हैं। वहीं गांव-गांव बीड़ी पीने वाले …

रामपुर, अमृत विचार। एक महीने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की सिगरेट पीकर रामपुर शहर के लोग धुआं उड़ा रहे हैं, साथ ही कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों को भी गले लगा रहे हैं। यह हैरत की बात है, जिसपर हम तम्बाकू निषेध दिवस के दिन ही गौर फरमाते हैं। वहीं गांव-गांव बीड़ी पीने वाले भी धुएं के छल्ले उड़ाने से नहीं चूक रहे हैं। धूम्रपान करने वालों में युवाओं की तादात ज्यादा है। अगर कोई शौकिया सिगरेट या बीड़ी पी रहा है तो सावधान हो जाए, बीमारी ने जकड़ा तो जिंदगी बचानी मुश्किल होगी।

  • अगर शौकिया धुम्रपान करने वाले हैं तो सावधान, गले पड़ सकता है कैंसर
  • जिले में तीन माह में 3867 मरीजों का इलाज करवा चुका है स्वास्थ्य विभाग

आप जानकर हैरान रह जाएंगे एक महीने में डेढ़ करोड़ रुपये की सिगरेट फूंककर अपने आपको हिप्पी-हीरो समझने वालों को यह नहीं पता है कि रामपुर जिले की करीब 23 लाख आबादी के आधे करीब 12 लाख लोगों का रोजाना पेट भरा जा सकता है। जितना पैसा वे सिगरेट की शान पर फूंक रहे हैं उससे जिले का कोई गरीब भूखे पेट नहीं सोएगा। लेकिन इन बातों पर कोई गौर नहीं फरमाता है। अमृत विचार ने जब सिगरेट और बीड़ी के जिला वितरक, तंबाकू के होलसेलर्स से बात की तो कुछ ऐसे ही आंकड़े सामने आए जोकि अपने आप में चौकाने वाले हैं।

इतना जरूर है कि पिछले तीन महीने में अगर सिगरेट पर टैक्स न बढ़ता तो प्रतिमाह सिगरेट का प्रतिमाह का कारोबार दो करोड़ से ज्यादा का है। बताते हैं कि पहले चालीस से पचास गत्तों की सप्लाई प्रतिदिन होती थी लेकिन, टैक्स बढ़ने के कारण महंगाई बिक्री घटी है जिससे पांच-छह गत्ते रोजाना रह गई है। कैप्सटन, विल्स, गोल्ड फ्लैक के चार पांच गत्ते और क्लासिक का एक से डेढ़ गत्ता प्रतिदिन मुश्किल से कट पाता है। इसी प्रकार जीपीआई के ब्रांड कैंवंडर्स, फोर स्कवायर, मालबोरो के तीन चार गत्तों की बिक्री प्रतिदिन होती है।

वहीं ग्रामीण इलाकों में बीड़ी की बिक्री अधिक है, कई ब्रांड रामपुर में ही बनकर तैयार होते हैं। तंबाकू पाउचों का व्यापार भी इसमें जोड़ दें तो प्रतिमाह आठ से दस करोड़ रुपये का धूम्रपान का कारोबार है। वहीं इन तंबाकू उत्पादों की वजह से लोग लगातार बीमार भी हो रहे हैं। इनमें से जनवरी से मार्च तक ही 3867 मरीजों का स्वास्थ्य विभाग की ओर से इलाज कराया गया है। प्राइवेट डाक्टरों से उपचार करा रहे लोगों की संख्या कितनी है इसका कोई रिकार्ड नहीं है।

सिविल लाइंस स्थित पान सिगरेट विक्रेता गुलशन बताते हैं कि सिगरेट की बिक्री बहुत कम रह गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिगरेट से ज्यादा बीड़ी की खपत होती है। बताते हैं कि बीड़ी पत्ते वाली, बीड़ी बंबई, नाजिम बीड़ी, 502, 4 नंबर, गणेश, 905 की अलग-अलग तहसीलों में अलग-अलग ब्रांड की बिक्री है। बीड़ी का बंडल की कीमत दस रुपये है एक बीड़ी के बंडल में चौदह या पंद्रह बीड़ियां होती हैं। जिले में दो बड़े ब्रांडों की एजेंसियां जोकि, शहर भर में सिग्रेट की सप्लाई अपने एजेंटों के माध्यम से खुदरा दुकानदारों तक सिग्रेट पहुंचती है।

सिगरेट कारोबार के विज्ञापन पर रोक है, इसके अलावा सिगरेट पीने वालों पर जुर्माने डालने के अलावा लोगों के जागरूक होने से कारोबार बहुत घट गया है। चालीस से पचास गत्तों की सप्लाई प्रतिदिन होती थी, अब घटकर पांच-छह गत्ते रह गई है। कैप्सटन, विल्स, गोल्ड फ्लैक के चार पांच गत्ते और क्लासिक का एक से डेढ़ गत्ता प्रतिदिन मुश्किल से कट पाता है। – शुऐब शम्सी, आईटीसी के डिस्ट्रीब्यूटर

धूम्रपान से परेशान हैं तो ऐसे छोड़ें तंबाकू की लत
आयुर्वेद मनोचिकित्सक डा. कुलदीप सिंह चौहान बताते हैं कि तंबाकू एक तरह का धीमा जहर है जो सेवन करने वाले को धीरे-धीरे मारता है। लोग इसे शौक के रूप में शुरू करते हैं, लेकिन पता नहीं चलता कि यह कब लत बन जाता है, फिर इसके बिना रहा नहीं जाता है। हालत ये हो जाती है कि खाना खाने के बाद लोग तंबाकू खाते हैं और पेट साफ करने से पहले भी खाते हैं। तंबाकू छोड़ने के लिए खुद पर थोड़ा नियंत्रण रखते हुए लत छोड़ी जा सकती है। तंबाकू की लत को छोड़ने के लिए दो बातें सबसे जरूरी होती हैं। पहली इच्छा शक्ति और दूसरी और संगत होती है। सबसे पहले खुद तय करें कि तंबाकू से पीछा छुड़ाना है। मन पक्का कर लेंगे तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। दूसरी बात कि ऐसे दोस्तों के दूर रहें जो खुद तंबाकू खाते हैं और दूसरों को भी जबरदस्ती खिलाते हैं।

तंबाकू से निजात पाने के लिए यह करें
बारीक सौंफ और मिश्री साथ रखें। जब भी तंबाकू खाने का मन करे, यह मिश्रण फांक लें। इसी तरह आंवला भी रखा जा सकता है। अजवाइन में नींबू का रस डालें थोड़ा काला नमक भी डालें। दो दिन तक रखने के बाद यह मिश्रण खाने लायक हो जाएगा। जब भी तंबाकू खाने का मन करे, इसे खाएं। अजवाइन का एक और उपयोग यह है कि इसे तवे पर भून लें और गुटके के पाउच की तरह अपने पास रख लें। बिल्कुल उसी तरह से खाएं, जिस तरह से गुटखा या तंबाकू खाते हैं। जिन लोगों को तंबाकू सूंघने की लत होती है। वो लोग केवड़ा, गुलाब, खस या किसी और इत्र का उपयोग अपने पहनने वालें कपड़ों पर करें या रूई का फोहा बनाकर साथ रखें और जब भी तंबाकू सूंघने का मन करे, इस फोहे को सूंघे। च्यूंगम चबाना भी तंबाकू की लत छोड़ने का एक तरीका है।

तंबाकू छोड़ने के बाद कई तरह की आ सकती हैं समस्याएं
तंबाकू छोड़ने के बाद कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। जैसे नींद नहीं आना, सिर दर्द रहना, वजन बढ़ना। इसके के लिए सुबह-शाम ध्यान एवं योग का सहारा लें। शारीरिक व्यायाम करेंगे तो इन समस्याओं से निजात मिल जाएगी और तंबाकू की लत भी छूट जाएगी। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। जब भी तंबाकू की लत सताए तो इससे होने वाली खतरनाक बीमारियों को याद करें। खुद को बताएं कि तंबाकू के नियमित सेवन से दिल की बीमारी होती है, मुंह का कैंसर होता है, पेट में अल्सर हो सकता है, एसिडिटी होती है, मुंह से बदबू आती रहती है, दांत कमजोर हो जाते हैं।

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में कुल 308 जुर्माने किए गए जिसमें 40600 रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए। 60 तंबाकू विक्रेताओं के जुर्माने किए गए इसके अलावा तंबाकू उपयोग करने वाले तथा विभिन्न रोगों से पीड़ित 3867 मरीजों का उपचार किया गया। 370 मरीज रिप्लेसमेंट थेरेपी प्राप्त कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं। -डा. शहजाद हसन, जिला सलाहकार

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