उच्च न्यायालय ने दिया निर्देश, कहा- आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के निर्धारित मानदेय का भुगतान कराये सरकार

लखनऊ। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित करते हुये कहा है कि जिन पदों का मानदेय अभी शासन ने निर्धारित किया है, उसको समय-समय पर परिवर्तनीय करते हुए भुगतान करवाया जाए। दरअसल,कर्मचारियों के वेतन तथा आउटसोर्सिंग नियमावली को लेकर उच्च न्यायालय …
लखनऊ। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित करते हुये कहा है कि जिन पदों का मानदेय अभी शासन ने निर्धारित किया है, उसको समय-समय पर परिवर्तनीय करते हुए भुगतान करवाया जाए।
दरअसल,कर्मचारियों के वेतन तथा आउटसोर्सिंग नियमावली को लेकर उच्च न्यायालय में संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल द्वारा वाद दायर किया गया था, जिस पर लगातार सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय की इलाहाबाद खंडपीठ ने 29 अप्रैल 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद 27 मई 2022 को उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह निर्देश दिया गया कि जिन पदों का मानदेय अभी शासन ने निर्धारित किया गया है, उसको समय-समय पर परिवर्तनीय करते हुए भुगतान करवाया जाए।
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने कहा कि आदेश में महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश तथा ओवरटाइम ड्यूटी का दो गुना वेतन व बोनस भुगतान के साथ ही अन्य श्रम कानूनों का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित हो। इसके साथ ही शासन द्वारा जो भी शासनादेश मुख्य सचिव द्वारा न्यायालय में शपथ पत्र के साथ दाखिल किया गया है उसका कड़ाई से पालन किया जाए।
इसके साथ ही पूर्व में कार्यरत सभी कर्मचारियों की सेवाएं जारी रखते हुए जेम पोर्टल संबंधी निर्देश एवं नए पदों पर ही सेवायोजन द्वारा आउटसोर्सिंग की नियुक्ति का पालन किया जाए। आउटसोर्सिंग कर्मचारी को सम्मान जनक जीवन के लिए शासन द्वारा समय-समय पर विचार कर नए आदेश जारी किए जाएं। इसके साथ ही न्यायालय ने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार द्वारा जारी कोड आफ वेज को भी जल्द ही उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए। जिसको जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत सिंह यादव ने कहा है कि उच्च न्यायालय के इस आदेश से प्रदेश के लाखों कर्मचारियों में खुशी की लहर है। साथ ही यह आदेश मील का पत्थर साबित होगा।
यह भी पढ़ें:-लखनऊ: आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवानियमावली अभी तक लंबित, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जताई नाराजगी