चाइल्ड लाइन की सख्ती के बाद जनवरी से लेकर अब तक 16 बेटियां बालिका वधु बनने से बची

लखनऊ। वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड लाइन के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक कुल 16 बाल विवाह रोके गये हैं। इनमें से मई के चार मामले दर्ज किये गये हैं। आठ मामले जनवरी से लेकर अप्रैल तक दर्ज हुए। यानि हर माह में दो बाल विवाह के मामले सामने आ …
लखनऊ। वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड लाइन के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक कुल 16 बाल विवाह रोके गये हैं। इनमें से मई के चार मामले दर्ज किये गये हैं। आठ मामले जनवरी से लेकर अप्रैल तक दर्ज हुए। यानि हर माह में दो बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। चाइल्ड लाइन निदेशक डॉ. संगीता शर्मा ने बताया कि ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों से आते थे। इधर कुछ दिनों से शहरी इलाकों से भी मामले सामने आ रहे हैं।
अर्चना सिंह ने बताया कि आज भी सबसे बड़ा कारण आर्थिक व्यवस्था ही है, लोगों को यही लगता है कि जल्दी शादी कर दे तो दहेज कम लगेगा, खर्च कम होगा। ताजा मामला डालीगंज का है। यहां तीन नाबालिग बहनों का 25 और 30 मई को विवाह तय किया गया था। इसकी सूचना 181 वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड लाइन की टीम को मिली तो जाकर बच्चियों का विवाह रुकवाया। साथ ही परिजनों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। जिसमें बच्चियों के माता-पिता ने लिखकर दिया है कि वे अब ऐसा नहीं करेंगे।
फिलहाल बच्चियों को उनके घरवालों के सुपुर्द कर दिया गया है। वन स्टॉप सेंटर प्रभारी अर्चना सिंह ने बताया कि चाइल्ड लाइन के 1098 नंबर पर खबर मिली थी कि नबीउल्लाह रोड डालीगंज के रहने वाले एक परिवार में 15 वर्ष की एक और 13 वर्ष की दो बच्चियों का विवाह तय किया गया है। इस पर उनका विवाह रुकवाया गया।
इस दौरान टीम में में अंजुलिका, हुमा, रंजना देवी महिला कांस्टेबल भी मौजूद रहीं। अर्चना सिंह के मुताबिक बच्चियों से बात की गई तो वे डर के कारण कुछ बोल ही नहीं रहीं थीं। टीम में शामिल एसआई, चाइल्ड लाइन सदस्य विजय पाठक ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा।
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