उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022: बद्रीविशाल के जयकारों से गूंजा धाम, खुल गए बद्रीनाथ के कपाट

हल्द्वानी, अमृत विचार। देवभूमि उत्तराखंड में रविवार की सुबह बाबा बद्री विशाल के जयकारों से गूंज उठी। ब्रह्म मुहूर्त में 6:15 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल गए। अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिर में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। इससे पहले पांडुकेश्वर से तेल कलश यात्रा के साथ भगवान बद्री विशाल के प्रतिनिधि …
हल्द्वानी, अमृत विचार। देवभूमि उत्तराखंड में रविवार की सुबह बाबा बद्री विशाल के जयकारों से गूंज उठी। ब्रह्म मुहूर्त में 6:15 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल गए। अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिर में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
इससे पहले पांडुकेश्वर से तेल कलश यात्रा के साथ भगवान बद्री विशाल के प्रतिनिधि उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोली बद्रीनाथ धाम पहुंची थी। जोशीमठ में पूजा-अर्चना के बाद श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के खजांची भूपेंद्र रावत के नेतृत्व में भगवान बदरी विशाल का खजाना शुक्रवार देर शाम बद्रीनाथ धाम पहुंचा था। परंपरा के अनुसार खजाने के साथ भगवान नारायण के वाहन गरुड़जी की मूर्ति भी खजाने के साथ बद्रीनाथ पहुंची। आठ मई को मंदिर के कपाट खुलने से पहले भगवान के खजाने की पूजा-अर्चना की गई और फिर आज ब्रह्म मुहूर्त में बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए।
बता दें कि तीन मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरूआत हो गई थी। 6 मई शुक्रवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए थे। इस बार बेतहाशा भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चार धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा तय की है। बद्रीनाथ में प्रतिदिन 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों की अनुमति दी गई है। यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है। कोरोना महामारी के चलते करीब दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम पहुंच रहे हैं।