यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर मेरा भी किया जाए चालान: परिवहन मंत्री

लखनऊ। जिस तरह से दिल्ली में यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है, उसी तरह प्रदेश में भी इन नियमों का पालन कड़ाई से करवाया जाएा। दो पहिया वाहनों से सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रहीं है और हेलमेट न पहनने से लोगों की जान जा रही है। ऐसे लोगों को जागरूक किया जाए। साथ …
लखनऊ। जिस तरह से दिल्ली में यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है, उसी तरह प्रदेश में भी इन नियमों का पालन कड़ाई से करवाया जाएा। दो पहिया वाहनों से सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रहीं है और हेलमेट न पहनने से लोगों की जान जा रही है। ऐसे लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही नियमों का न मानने वालों के विरुद्ध चालान किया जाए। दिल्ली की तरह ही नियमों का उत्तर प्रदेश में कड़ाई से पालन करवाना ही मेरा उद्देश्य है। यह विचार परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने व्यक्त किये।
सोमवार को 1090 चौराहें पर सड़क सुरक्षा सप्ताह के उद्घाटन अवसर पर उन्होंने लोगों को सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई। इसके बाद लोगों को जागरूक करने के लिए एक बाइक रैली को रवाना किया।
उन्होंने दो पहिया वाहन बेचने वाली कंपनियों और डीलरों से कहा कि बिना हेलमेट गाड़ी न बेचें। ऐसी गाड़ियों का पंजीयन नहीं किया जाएगा। दोपहिया वाहन चालक ही नहीं पीछे बैठने वालों को भी हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दाखिल होते ही चालान के डर से चार पहिया वाहन के चालक सीट बेल्ट लगा लेते हैं। ऐसा ही डर यूपी के लोगों को भी होना चाहिए। परिवहन मंत्री ने कहा अगर मैं खुद सीट बेल्ट न लगाऊं तो मेरा भी चालान किया जाए। यातायात नियम न मानने पर प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त का भी चालान किया जाए।
परिवहन मंत्री ने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों में सड़क सुरक्षा विषय पर प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी एवं पुरस्कारों का भी वितरण किया जाए। बचपन से ही यदि छात्रों को सड़क सुरक्षा के बारे में बताया जाए तो वह उनकी दिनचर्या में शामिल हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को 5000 रूपये की धनराशि परिवहन विभाग पुरस्कार स्वरूप प्रदान करता है। ऐसे में दुर्घटना के समय सभी को घायलों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। परिवहन मंत्री ने एलान किया आज से डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) बनाने की नई व्यवस्था फेसियल रिकागनिशन टेक्नीक लागू की जा रही है। इससे डीएल बनवाने के लिए आम लोगों को आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कार्यक्रम में परिवहन विभाग के साथ ही आरटीओ कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।
जागरूकता के साथ चलाना जरूरी
प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए चार ”ई” जरूरी हैं। इनमें एजुकेशन, इंफोर्समेंट, इमरजेंसी केयर और इंजीनियरिंग शामिल है। लोगों को एजूकेट कर, नियम न मानने पर चालान कर, दुर्घटना होने पर लोगो की की मदद कर और सड़कों को ठीक कर ही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने कहा कि ये चिंता का विषय है कि देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। दुर्भाग्यवश उत्तर प्रदेश में यह संख्या सबसे अधिक है। तकरीबन 22 हजार लोग हर वर्ष दुर्घटना में मौत के मुंह में समा जाते हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरुकता के साथ चालान जरूरी है।
नुक्कड़ नाटक से किया गया जागरूक
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं एआरटीओ अंकिता शुक्ला ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया गया। किस तरह से दुर्घटनाएं होती हैं और दुर्घटना होने पर किस तरह से गोल्डन आवर में उनकी सहायता की जा सकती है, इसे नुक्कड़ नाटक के जरिए समझाया गया।
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