बरेली: राष्ट्रीय हनुमान दल ने मनाया ‘हनुमान जन्मोत्सव’, श्रीराम और बजरंगबली के गीतों पर थिरके श्रद्धालु

बरेली: राष्ट्रीय हनुमान दल ने मनाया ‘हनुमान जन्मोत्सव’, श्रीराम और बजरंगबली के गीतों पर थिरके श्रद्धालु

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में राष्ट्रीय हनुमान दल के सभी कार्यकर्ताओं ने शहर में जिला अध्यक्ष देवदत्त शर्मा के आवास पर खूब धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन किया। ये कार्यक्रम दो दिवसीय था। इस कार्यक्रम में सुंदर-सुंदर झाकियां निकाली गईं। सुबह को हनुमान चालीसा का भी जाप किया …

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में राष्ट्रीय हनुमान दल के सभी कार्यकर्ताओं ने शहर में जिला अध्यक्ष देवदत्त शर्मा के आवास पर खूब धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन किया। ये कार्यक्रम दो दिवसीय था। इस कार्यक्रम में सुंदर-सुंदर झाकियां निकाली गईं। सुबह को हनुमान चालीसा का भी जाप किया गया। बता दें कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम को देखने के लिए लोगों का मजमा लगा रहा। इस कार्यक्रम मे दल की महिला मोर्चा अध्यक्ष आरती तिवारी, महानगर अध्यक्ष दीपक पाठक, जिला कोषााध्यक्ष संजीव कश्यप के साथ कई पद अधिकारी मौजूद रहे। राष्ट्रीय हनुमान दल के जिला अध्यक्ष देवदत्त शर्मा का कहना है कि हमारा दल सभी प्रकार के पर्वों को इसी तरह मनाता है और लोगों का भी हर कार्यक्रम में इसी तरह मजमा लग जाता है।

जिला अध्यक्ष बोले धर्म का कार्य है जरूरी
राष्ट्रीय हनुमान दल के जिला अध्यक्ष देवदत्त शर्मा का कहना है की हमें सभी हिंदू पर्वों को धूमधाम के साथ मनाना चाहिए। देवदत्त ने कहा कि लोग त्योहारों को मनाना ही भूल गए हैं और हिंदू रीति-रिवाजों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं इसलिए हमारा दल सभी सोते हुए नागरिकों को जगाने का काम करता है एवं हिंदू रीति-रिवाजों को बढ़ावा भी देता है। आगे जिला अध्यक्ष ने कहा कि हमारा दल सभी हिंदू पर्वों को इसी तरह धूमधाम से मनाता है। हर पर्व पर शोभा यात्रा तथा झाकियां निकाली जाती हैं, जिसकी गूंज पूरे शहर में सुनाई देती है। उन्होने ये भी कहा कि धर्म का कार्य और जप-तप करना सभी नागरिकों के लिए बहुत जरूरी है इससे उनका मन भी शुद्ध होता है और धार्मिक कार्यों को भी बढावा मिलता है।

क्यों और कैसे मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव
हनुमान जन्मोत्सव एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था ऐसा माना जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। हनुमान जयन्ती पर लोग मन्दिरों में हनुमान जी के दर्शन हेतु जाते हैं। कुछ लोग व्रत भी रखते हैं और बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ समर्पित होकर हनुमान जी की पूजा करते हैं। चूंकि यह कहा जाता है कि ये बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हें जनेऊ भी पहनाया जाता है।

हनुमानजी की मूर्तियों पर सिन्दूर और चांदी का वर्क चढ़ाने की परम्परा भी है। कहा जाता है राम की लंबी उम्र के लिए एक बार हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लिया था। इसी कारण हनुमान जी के भक्त उन्हें सिन्दूर चढ़ाते हैं, जिसे चोला कहते हैं। संध्या के समय दक्षिण मुखी हनुमान मूर्ति के सामने शुद्ध होकर मंत्र जाप करने को अत्यन्त महत्त्व दिया जाता है। हनुमान जयन्ती पर रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड पाठ को पढ़ने से भी हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। सभी मन्दिरों में इस दिन तुलसीदास कृत रामचरितमानस एवं हनुमान चालीसा का पाठ होता है। जगह-जगह भक्तों द्वारा भण्डारे भी आयोजित किए जाते हैं।

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