पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि पर भाजपा की चुप्पी असहज: कुमारस्वामी
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व जनतादल (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चुप रहने वाली भारतीय जनता पार्टी, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने आज सुबह ट्वीट की एक श्रृंखला की, ने कहा कि, भाजपा ने चुप्पी के …
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व जनतादल (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चुप रहने वाली भारतीय जनता पार्टी, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने आज सुबह ट्वीट की एक श्रृंखला की, ने कहा कि, भाजपा ने चुप्पी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। मौनी पार्टी, सरकार मौनी सरकार में विभाजित है आज सुबह हलाल हलाल के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आई।
पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़े। 13 दिनों में 8 रुपये का उछाल! भाजपा के सत्तारूढ़ भाषण के तहत भारत चमक रहा है उन्होंने कहा कि,13वें दिन से कीमतों में लगातार बढ़ोतरी। दोनों तेलों की कीमतों में वृद्धि। बेंगलुरु में पेट्रोल की कीमत 108.99 रुपये प्रति लीटर (आज की बढ़ोतरी: 88 पैसे) बढ़कर 92.83 रुपये प्रति लीटर हो गई। जैसे ही स्टॉक इंडेक्स ट्रेजरी में गिरता है, प्राइस इंडेक्स का मंदी सूचकांक भी ढह जाता है।
उन्होंने कहा कि जब मैं 2018 में सीएम था, तो भाजपा नेता 1.12 पैसे प्रति लीटर पेट्रोल और 1.14 पैसे प्रति लीटर डीजल की कीमत में बढ़ोतरी से परेशान थे। उनका पेट जल गया क्योंकि कीमतों में बढ़ोतरी का यह पैसा किसानों के पास नहीं जा रहा था। उन्होंंने कहा कि सड़क पर खाली सिलेंडर ले जा रही भाजपा ने क्यों सरेंडर कर दिया है? महंगाई की वजह से अगर गरीबों का पेट जल जाए तो क्या आप खुश हैं? आओ, सड़कों पर उतरो और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध करो और चिल्लाओ।
उन्होंने कहा कि सीमेंट, लोहा और भोजन सहित आम आदमी द्वारा उपयोग की जाने वाली हर वस्तु की कीमत में लगातार उछाल आ रहा है। श्रीमना का घर बनाने का सपना महज एक सपना है। उसकी जेब खाली है, कुछ लोगों की जेब भर रही है। भाजपा में बिजनेसमैन बन रहे हैं दुनिया के सबसे अमीर लोग। पूर्व सीएम और पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कीमतों में वृद्धि के लिए पिछली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। आठ साल बाद भी यूपीए ने अपनी गलती नहीं सुधारी, क्यों? रसोई में माताओं, अगर आप आग में पके हुए हैं तो आप राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।
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