पीलीभीत: पूरनपुर पहुंचे भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- सरकार दलित और पिछड़ों का छीन रही अधिकार
पूरनपुर में आयोजित हुई भीम आर्मी की संविधान बचाओ महारैली
पूरनपुर, अमृत विचार। भीम आर्मी की संविधान बचाओ महारैली में पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह का कार्यकर्ताओं ने फूलमाला और पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार दलित और पिछड़ों का अधिकार छीन रही है। उन्हें शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। इस दौरान नौ सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ज्ञापन भी सौंपा।
मंगलवार को संविधान दिवस पर भीम आर्मी भारत एकता मिशन ने संविधान बचाओ महारैली का आयोजन किया। इसमें मुख्य अतिथि भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग संविधान बदलना चाहते हैं, लेकिन उनको नहीं पता कि संविधान बदलने के बाद उनकी कुर्सी भी नहीं बचेगी। संविधान में लिखा एक-एक शब्द सही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मौजूद लोगों को संविधान की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लोगों को जात पात में बांटने का काम कर रही है। सरकार स्कूल बंद कराकर उनमें अदानी और अंबानी के गोदाम बनाना चाहती है। पांच मिलों राशन देकर उनके हाथ से पेन छीनने की कोशिश की जा रही है। भीम आर्मी ऐसा नहीं होने देगी। एसडीएम अजीत प्रताप सिंह कार्यक्रम स्थल में पहुंचे और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अतुल वाल्मीकि, मंडल अध्यक्ष लखनऊ शैलेंद्र राजवंशी, बरेली मंडल अध्यक्ष विकास बाबू, बरेली जिला अध्यक्ष सुशील कुमार, शाहजहांपुर जिला अध्यक्ष राजीव गौतम, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजाराम माथुर, दयानंद भंते, जिलाध्यक्ष पीलीभीत सौरभ भारतीय, तहसील अध्यक्ष विनय गौतम, ब्लॉक अध्यक्ष उमेश गौतम, जिला महासचिव प्रेम सागर चक्रवर्ती, नगर अध्यक्ष अब्दुल कादिर आदि मौजूद रहे।
सत्ता बदलने पर ब्याज समेत लेंगे हिसाब: भार्गव
प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप भार्गव ने कहा कि पूरनपुर में कुछ दल अल्पसंख्यक लोगों को दबाने का काम कर रहे हैं। सत्ता बदलने पर ब्याज समेत हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी मांगों को लेकर सड़कों पर बैठती है तो पाठशालाएं खोलकर बच्चों को शिक्षित करने का काम भी कर रही है।
ज्ञापन में ये रखी गई मांगें
एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा कि ट्रांस शारदा क्षेत्र में शारदा नदी हर वर्ष भूमि का कटान करती है। इस समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। शारदा के किनारे बसे बंगाली समुदाय के परिवारों को नागरिकता दिलाने की मांग भी उन्होंने की। इसमें अलावा दलित, मुस्लिम पिछड़े लोगों पर फर्जी मुकदमे दिखाए जाने का विरोध किया गया। तहसील क्षेत्र में हटाई गई बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं की फिर स्थापना करने की मांग भी ज्ञापन में की गई। पराली को लेकर दर्ज किए गए मुकदमे निरस्त कर पराली की उचित व्यवस्था करने की मांग भी ज्ञापन में रखी गई।