बरेली: राजश्री ने बीडीए में जमा कराए एक करोड़ रुपये

बरेली, अमृत विचार। बीडीए में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के बजाए नरमी बरतते हुए निर्माणकर्ताओं को कंपाउंडिंग जमा कराने की सहूलियत दी जा रही है। इसके साथ अन्य लोगों को भी अवैध निर्माण की कंपाउंडिंग कराकर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई से बचने की सलाह भी अधिकारी दे रहे हैं। कंपाउंडिंग के लिए गुरुवार को राजर्षि …
बरेली, अमृत विचार। बीडीए में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के बजाए नरमी बरतते हुए निर्माणकर्ताओं को कंपाउंडिंग जमा कराने की सहूलियत दी जा रही है। इसके साथ अन्य लोगों को भी अवैध निर्माण की कंपाउंडिंग कराकर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई से बचने की सलाह भी अधिकारी दे रहे हैं। कंपाउंडिंग के लिए गुरुवार को राजर्षि मेडिकल कॉलेज ने एक करोड़ रुपये जमा कराए हैं। साथ ही कहा कि अब पहले से बेहतर वातावरण और अफसरों के सहयोगात्मक कार्य व्यवहार से काम कराने में सुविधा हो गई है।
बीडीए वीसी जोगिन्दर सिंह ने शहर में अवैध कालोनी व निर्माण के खिलाफ अभियान चला रखा है। इसका असर यह हुआ है कि शहर में अवैध निर्माण कराने वाले लोग दुबक गए हैं, जो निर्माण हो गए हैं वे अब कंपाउंडिंग कराकर चिंतामुक्त हो रहे हैं। राजर्षि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से भवन की कंपाउडिंग कराने का आग्रह बीडीए से किया गया था। उन्हें दफ्तर में बुलाया गया।
पहले उनकी समस्या और शंकाएं जानी गईं और उसका तत्काल समाधान कराया गया। प्राधिकरण से इतनी जल्दी काम होने की उम्मीद उन्हें नहीं थी, लेकिन जब उनकी सभी शंकाओं का समाधान हो गया तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज होने वाला काम तीन साल पहले हो जाता तो बढ़ी दरों को नहीं देना पड़ता। उनका मानना था कि प्राधिकरण का माहौल पहले से बहुत बदल गया है।
जनता के हित की बात को सुना जाने लगा है। उत्पीड़न बंद सा हो गया। गुरुवार को ही लावण्या रिसोर्ट के संचालक ने भी प्राधिकरण दफ्तर आकर रिसोर्ट की कंपाउंडिंग कराकर 25 लाख रुपया जमा किया। रिसोर्ट के संचालक ने फोन पर बताया कि प्राधिकरण दफ्तर में जाकर काम कराने में असुविधा नहीं हुई। उन्हें चक्कर नहीं लगाने पड़े। राजेन्द्र नगर रोड पर ही नीलकमल साड़ी शो रूम संचालक ने भी भवन की कंपाउडिंग कराकर 30 लाख रुपये बीडीए को जमा कराए हैं।
बीडीए सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि प्राधिकरण का मानना है कि जिन बारातघर संचालकों ने भवन की कंपाउंडिंग नहीं कराई है। वे दफ्तर आकर भवन की कंपाउंडिंग करा लें। नियमानुसार कड़ी कार्रवाई से अपने को दूर कर लें। बारातघर संचालक उपाध्यक्ष, सचिव, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता में से किसी से भी मिलकर हर समस्या का त्वरित निदान पा सकते हैं।
कुदेशिया फाटक से हार्टमन रोड पर बने आधा दर्जन बारातघर संचालक या कोई अन्य भवन स्वामी दफ्तर आकर समस्या का निस्तारण करा सकते हैं। कंपाउंडिंग और नक्शा स्वीकृत कराने की फीस से जो भी पैसा आया है, उससे शहर में प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं।
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