रुद्रपुर: हेमवती नंदन बहुगुणा के पोते सौरभ बहुगुणा बने धामी सरकार में मंत्री

रुद्रपुर, अमृत विचार। कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की तीसरी पीढ़ी ने भी अब सत्ता की सीढ़ियां शुरू कर दी हैं। तीसरी पीढ़ी के सौरभ बहुगुणा ने बुधवार को देवभूमि में मंत्री पद के रूप में राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाया। हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे …

रुद्रपुर, अमृत विचार। कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की तीसरी पीढ़ी ने भी अब सत्ता की सीढ़ियां शुरू कर दी हैं। तीसरी पीढ़ी के सौरभ बहुगुणा ने बुधवार को देवभूमि में मंत्री पद के रूप में राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाया।

हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने लंबी पारी खेली। बहुगुणा के बेटे विजय बहुगुणा पहले न्यायिक सेवा में रहे। बाद में राजनीति में सक्रिय हुये। टिहरी से सांसद रह चुके विजय बहुगुणा 2012 में कांग्रेस सरकार में राज्य के मुखिया चुने गये। विजय की बहन रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से भाजपा की सांसद हैं। अब विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा को राज्य में कैबिनेट मंत्री की कुर्सी मिली है।

भाजपा पर विश्वास पर बनाये रखने का मिला तोहफा
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा 2016 में कांग्रेस में फूट के सूत्रधार थे। उनकी अगुवाई में ही कांग्रेस के विधायक भाजपा में आये थे। तब से लेकर अभी तक विजय बहुगुणा का एक तरह से राजनैतिक पुर्नवास नहीं हो सका। बार-बार उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने की बातें उठीं लेकिन सिरे नहीं चढ़ सकी। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता हरीश रावत पर सबसे तीखा हमला भी विजय बहुगुणा ने ही बोला था। बहुगुणा परिवार ने पिछले छह साल से भाजपा में निष्ठा बनाये रखी। इसका तोहफा बुधवार को सौरभ बहुगुणा को कैबिनेट में जगह के रूप में मिला।

पिता की विरासत को पुख्ता किया सौरभ ने
सितारगंज सीट पर विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री के तौर पर चुनाव लड़ने आये थे। चुनाव जीतने के बाद विजय राज संभालते रहे तो सौरभ उनकी अनुपस्थिति में सितारगंज की जनता को संभालते रहे। 2017 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री ने सितारगंज सीट पर अपने छोटे बेटे सौरभ के लिये टिकट मांगा। मृदुभाषी सौरभ ने अपने पिता के विश्वास को आगे बढ़ाया और बंगाली बाहुल्य सीट पर कांग्रेस के बंगाली प्रत्याशी को 28 हजार से ज्यादा मतों से हराया। इस बार के चुनाव में भी सौरभ ने पहले राउंड से अपनी बढ़त को बनाये रखते हुये 11 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की।

यूपी में मना, लेकिन देवभूमि में सम्मान
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की बहन रीता बहुगुणा उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से सांसद हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपने बेटे मयंक जोशी के लिये लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से टिकट मांगा था। बेटे के राजनैतिक भविष्य को संवारने के लिये रीता ने अपनी सांसदी तक छोड़ने की पेशकश की थी लेकिन भाजपा ने सांसदों के बच्चों को टिकट न देने की परंपरा का हवाला देते हुये मयंक जोशी को टिकट नहीं दिया। नाराज मयंक ने अंतिम दौर के चुनाव से पहले सपा का दामन थाम लिया था। इधर, भाजपा ने बहुगुणा परिवार को देवभूमि में सम्मान दे दिया।