रायबरेली: युक्रेन से लौटे मेडिकल छात्र की दास्तां, बंकर में गुजरती थी रातें

रायबरेली। सर पर हर पल मौत नाच रही थी। आने वाला हर समय किसी न किसी अनहोनी की आशंका से भरा हुआ था। रातें बंकर के घने अंधेरे में गुजरती थी। पंद्रह दिन का यह खौफनाक मंजर जीवन में कभी भूल नही पाऊंगा। यह बातें युक्रेन के सूमी से वापस आए ऊंचाहार के कोटरा बहादुर …
रायबरेली। सर पर हर पल मौत नाच रही थी। आने वाला हर समय किसी न किसी अनहोनी की आशंका से भरा हुआ था। रातें बंकर के घने अंधेरे में गुजरती थी। पंद्रह दिन का यह खौफनाक मंजर जीवन में कभी भूल नही पाऊंगा। यह बातें युक्रेन के सूमी से वापस आए ऊंचाहार के कोटरा बहादुर गंज निवासी अखिलेश मौर्य ने बताई।
अखिलेश यूक्रेन में तीन साल से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहें है। शनिवार को वह अपने गांव पहुंचे तो स्वजनों की खुशी आसमान छू रही थी। उन्होंने जो युक्रेन का जो मंजर बताया, वो भयावह था। उनका कहना था कि उनके साथ करीब पचास छात्रों की टोली थी। रूसी हमले के बाद वहां की फिजा में केवल सन्नाटा था, खौफ था और अनहोनी की आशंकाएं भरी हुई थी। दिन में कमरे के अंदर और रात बंकर में गुजारनी पड़ती थी।
छात्र के घर पहुँचते ही उदास परिजनों के चेहरे खुशी से लाल हो गये। अखिलेश के घर पर मिलने वाले गाँव और रिश्तेदारों का ताँता बंधा रहा। छात्र अखिलेश के परिजनों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
क्षेत्र के कोटरा बहादुरगंज निवासी सत्यनारायण जो इलाहाबाद हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं। उनका पुत्र अखिलेश कुमार युक्रेन देश में रह कर मेडिकल की पढ़ाई करता है। बीते दिनों से युक्रेन देश में रूस के हमले से स्थिति बिगड़ गई। हमले की सूचना पूरे युक्रेन मुल्क में आग की तरह फैल गई जिससे वहाँ सनसनी का मच गई चारों ओर डर व दहशत का माहौल बन गया। इस माहौल में जद्दोजहद के बाद अखिलेश अपने घर पहुँच गया। अखिलेश ने बताया की भारतीय दूतावास द्वारा समय-समय एडवाइजरी जारी कर जानकारी दी जाती थी लेकिन छात्रों को वहाँ से निकालने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा था। छात्रों ने जब वीडियो बनाकर इन्टरनेट मीडिया पर वायरल किया तो भारतीय दूतावास हरकत में आई और उन्हें निकालने के लिए दो दिन का समय मांगा। इस दौरान हमला पानी की सप्लाई व्यवस्था पर हो गया। खाने की समस्या तो थी ही अब पानी पीने की समस्या हो गई थी।
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