मथुरा: राधारानी की नगरी बरसाना में मची लट्ठमार होली की धूम

मथुरा। राधारानी की नगरी बरसाना की गलियों में शुक्रवार को लट्ठमार होली का खुमार सिर चढ़ कर बोला। बरसाने की हुरिहारिनों ने गुलाल की वर्षा के बीच नन्दगांव से आए श्रीकृष्ण के सखाओं पर लाठियों से प्रहार किया। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि कहीं पर भी किसी अप्रिय घटना का कोई समाचार नही …
मथुरा। राधारानी की नगरी बरसाना की गलियों में शुक्रवार को लट्ठमार होली का खुमार सिर चढ़ कर बोला। बरसाने की हुरिहारिनों ने गुलाल की वर्षा के बीच नन्दगांव से आए श्रीकृष्ण के सखाओं पर लाठियों से प्रहार किया। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि कहीं पर भी किसी अप्रिय घटना का कोई समाचार नही है। रोडवेज ने 100 अतिरिक्त बसें तीर्थयात्रियों को विभिन्न दिशाओं से लाने के लिए लगाई थीं। सादा वर्दी में पुलिसकर्मी लगाने से महिलाओं के साथ बदतमीजी नही हुई तथा होली सौहार्द्र के वातावरण में सम्पन्न हुई।
हजारों होली प्रेमियों के लिए यह अनूठा अनुभव था कि श्रीकृष्ण के सखा चमड़े की बनी ढाल पर लाठियों के प्रहार को रोक रहे थे और हुरिहारिनों के नये कपड़ों पर रंग गुलाल डालकर हंसी ठिठोली बराबर कर रहे थे और हुरिहारिने उन पर लाठी से प्रहार कर रही थीं जिसे वे चमड़े की बनी ढालों पर रोक रहे थे। कभी कभी एक हुरिहार पर दो या तीन हुरिहारिने लाठियों से प्रहार करती थीं पर वह हार नहीं मानता था।
इसी बीच बम्ब की थाप पर रसिया के स्वर गूंज रहे थेः- फाग खेलन बरसाने आए हैं, नटवर नन्द किशोर… शाम सवा पांच बजे के बाद तो दर्जनों गोपिकाएं अलग अलग समूह में अथवा अकेले हुरिहारों पर लाठियों से वर्षा कर रही थी तथा पूरी रंगीली गली लाठियों की तड़तड़ाहट से गूंज रही थी। सूर्यास्त होते ही ’नन्द के लाला की जय’ और ’’राधारानी की जय’’ के साथ ही लट्ठमार होली समाप्त हुई तथा सभी हुरिहारों ने रंगीली गली की रज मस्तक में लगाया।
इससे पूर्व आज सुबह ही श्रीकृष्ण के सखा के रूप में नन्दगांव के हुरिहार गाते बजाते बरसाने के लिए एक समूह में रवाना हुए। बरसाना में पीली पोखर के पास उनका स्वागत भांग और ठंढाई से किया गया। यहीं पर उन्होंने अपनी ढाल और पगड़ी को ठीक किया और फिर समूह के रूप में वे लाड़ली मन्दिर बरसाना पहुुंचे जहां पर उन्होंने समाज गायन में भाग लिया तथा जैसे ही वे होली खेलने के लिए रंगीली गली की ओर रवाना हुए मन्दिर के गोस्वामियों ने उन्हें टेसू के रंग से सराबोर कर दिया।
इसके बाद हुरिहार जैसे ही रंगीली गली में पहुंचे तो पहले तो उनकी गोपियों से हंसी ठिठोली शुरू हुई और बाद में लट्ठमार होली शुरू हो गई। लट्ठमार होली में पहली बार भाग लेने आई दो नव विवाहिताएं आज बहुत अधिक प्रसन्न थी क्योंकि उन्हें लठामार होली खेलने का मौका मिल गया था। लाडली मन्दिर के रिसीवर कृष्णमुरारी गोस्वामी ने बताया कि शनिवार को नन्दगांव में लट्ठमार होली खेली जाएगी जिसमें बरसाने के हुरिहार नन्दगांव की हुरिहारिनों के साथ होली खेलेंगे।
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