बरेली: शेर, तेंदुए के साथ अब कुत्तों पर भी कोरोना संक्रमण का खतरा

बरेली,अमृत विचार। करीब तीन साल पहले जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी तो बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आए। कोरोना की पहली लहर के बाद इंसानों के साथ ही जानवर भी इसकी गिरफ्त में आए। देश में शेर और तेंदुओं में कोविड-19 के वायरस की पुष्टि हुई थी, जबकि कुत्ता, बिल्ली आदि जानवरों …
बरेली,अमृत विचार। करीब तीन साल पहले जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी तो बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आए। कोरोना की पहली लहर के बाद इंसानों के साथ ही जानवर भी इसकी गिरफ्त में आए। देश में शेर और तेंदुओं में कोविड-19 के वायरस की पुष्टि हुई थी, जबकि कुत्ता, बिल्ली आदि जानवरों में इसकी एंटीबाडी पाई थी।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देश पर कराई गई रैंडम सैंपलिंग में 25 प्रतिशत कुत्तों में कोरोना की एंटीबाडी पाई गई है, जिससे साफ है कि कुत्तों पर भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। वायरस के मनुष्यों से पशुओं और फिर पशुओं से मनुष्यों के संक्रमित होने के कई अध्ययन भी सामने आ चुके हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि इंसानों के सुरक्षित होने के साथ ही पशुओं का कोरोना संक्रमण से बचाव भी आवश्यक है।
जानवरों के बचाव को तैयार हो रही वैक्सीन
बरेली में स्थित आईवीआरआई में आए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नई दिल्ली के उप महानिदेशक (पशु प्रभाग) डा. बीएन त्रिपाठी ने बताया कि आईसीएआर ने 10 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट पर लगाए हैं। पशुओं के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन को केंद्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार में तैयार किया जा चुका है। इंसानों के साथ ही पशुओं को भी इस बीमारी से बचाना जरूरी है।
अलवर में भी किया जा रहा ट्रायल
पशुओं के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन को तैयार करने वाले केंद्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार के प्रधान वैज्ञानिक डा. नवीन कुमार ने मोबाइल से हुई बातचीत के दौरान वैक्सीन की सफल टेस्टिंग होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चेन्नई के चिड़ियाघर में मृत शेर में कोविड-19 वायरस की पहचान की गई थी।
डा. नवीन ने बताया कि जांच में पता लगा कि उसकी मौत कोविड के डेल्टा वैरिएंट से हुई थी। इसके बाद वहां से कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट वायरस को लेकर लैब में आइसोलेट किया। इस पर लंबे समय तक प्रयोग करने के बाद वैक्सीन बनाई। उन्होंने बताया कि सेना के मेरठ स्थित सेंटर पर कुत्तों पर इसका ट्रायल सफल हो चुका है।
इसके बाद अलवर राजस्थान में आईटीबीपी के डाग ट्रेनिंग सेंटर में टेस्टिंग चल रही है। कुत्तों को पहली डोज और उसके 21 दिन बाद बूस्टर डोज दी गई। इसके 21 बाद परीक्षण करने पर पता चला कि कुत्तों में कोविड-19 वायरस की एंटीबाडी मिली है। उन्होंने बताया कि इसके बाद शेरों पर इसका ट्रायल कराया जाएगा।
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