लखीमपुर-खीरी: खुद एंबुलेंस सेवा के लिए एक घंटे तड़पता रहा है 108 एंबुलेंस का चालक

लखीमपुर-खीरी: खुद एंबुलेंस सेवा के लिए एक घंटे तड़पता रहा है 108 एंबुलेंस का चालक

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। लोगों को समय पर इलाज मिल जाए इसको लेकर 108 सेवा से शासन ने बहुपयोगी योजना चलाई थी, लेकिन उदासीनता के चलते कर्मचारी इस योजना को पलीता लगा रहे है। आज उस समय बीमार 108 एंबुलेंस के चालक को खुद की सहायता के लिए करीब एक घंटे तक अस्पताल में तड़पना पडा। उसके …

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। लोगों को समय पर इलाज मिल जाए इसको लेकर 108 सेवा से शासन ने बहुपयोगी योजना चलाई थी, लेकिन उदासीनता के चलते कर्मचारी इस योजना को पलीता लगा रहे है।

आज उस समय बीमार 108 एंबुलेंस के चालक को खुद की सहायता के लिए करीब एक घंटे तक अस्पताल में तड़पना पडा। उसके परिजन लगातार डॉक्टरों से मदद की भीख मांगते रहे लेकिन सभी एक दूसरे का मुंह ही ताकते रहे, जो सुविधा उसे तुरंत मिलनी चाहिए थी उसके लिए उसे घंटे भर इंतजार करना पड़ा। इस दौरान लगातार एंबुलेंस चालक की हालत बिगड़ती रही।

काफी देर इंतजार करने के बाद साथी के मदद से 108 एंबुलेंस जिला अस्पताल पहुंची जिसके बाद उसे लखनऊ के लिए रेफर किया गया। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार दिलाने के लाख दावे भले ही कर रहा हो लेकिन हकीकत इससे परे है। जहां एक तरफ जिला अस्पताल में दवाइयों के अकाल है, मरीजों को बाहर की दवाएं भी लिखी जा रहीं है।

वही गंभीर इलाज के लिए ज्यादातर मरीजों को लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुल गयी जब ईसानगर में तैनात एक एंबुलेंस चालक को हार्ट अटैक पड़ गया। जिसके बाद परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए, जहां पर मौजूद चिकित्सक ने उसका परीक्षण किया और गंभीर हालत देखते हुए लखनऊ के लिए जाने की बात कही।

इधर लखनऊ रेफर करने की सूचना मिलते ही परिजनों ने डायल 108 पर सहायता की मांग की, जहां से कुछ ही देर में एंबुलेंस जिला अस्पताल पहुंचने की बात कही गई। इधर मरीज की हालत बिगड़ रहे थी, लेकिन 1 घंटे बीतने के बाद एंबुलेंस सहायता के लिए जिला अस्पताल पहुंची। अमूमन देखा जाता है कि इमरजेंसी के समय एंबुलेंस लेटलतीफी पहुंचती है जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा कभी-कभी उनकी जान भी चली जाती है। मौके पर मौजूद एंबुलेंस चालक रविलाल (33) निवासी खजिया नगला के परिजनों ने बताया कि आज रविलाल को अचानक दिल में दर्द होने की जानकारी हुई थी। हालत बिगड़ते देख उसे तत्काल जिला अस्पताल लाया गया यहां पर कोई हार्ट का चिकित्सक न होने की दशा में डॉक्टरों ने उसे तत्काल लखनऊ रेफर कर दिया था, लेकिन करीब 1 घंटे तक एंबुलेंस ना आने से रविलाल की हालत बिगड़ती रही।

कई बार कॉल सेंटर पर फोन करने के बाद बस यही आश्वासन मिला कि 10 मिनट के अंदर आपकी एंबुलेंस आपकी सेवा में उपलब्ध होगी लेकिन एक घण्टे के बाद एम्बुलेंस आयी जिसके बाद उसे लखनऊ रेफर किया जा सका। पूरे मामले की जानकारी लेने का जब प्रयास किया गया तो 108 एंबुलेंस के प्रभारी प्रवीण द्विवेदी का फोन संपर्क क्षेत्र से बाहर मिला।

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