उत्तराखंड की इन मशहूर जगहों को भी कर लें अपनी ट्रैवलिंग लिस्ट में शामिल, देश-दुनिया से पहुंचते हैं लोग

उत्तराखंड की इन मशहूर जगहों को भी कर लें अपनी ट्रैवलिंग लिस्ट में शामिल, देश-दुनिया से पहुंचते हैं लोग

उत्तराखंड को ईश्वर की धरती या देवभूमि के नाम से जाना जाता है। हिंदुओं की आस्था के केंद्र चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं। उत्तर का यह राज्य गंगा और यमुना समेत देश की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। उत्तराखंड में ही वैली ऑफ फ्लॉवर (फूलों की घाटी) का भी …

उत्तराखंड को ईश्वर की धरती या देवभूमि के नाम से जाना जाता है। हिंदुओं की आस्था के केंद्र चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं। उत्तर का यह राज्य गंगा और यमुना समेत देश की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। उत्तराखंड में ही वैली ऑफ फ्लॉवर (फूलों की घाटी) का भी घर है, जिसे यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल होने का गौरव प्राप्त है। आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसे ही प्रसिद्ध शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आकर यकीनन आपको मन की खुशी के साथ प्रकृति के अद्भुत नजारों से रुबरू होने का अवसर मिलेगा।

फूलों की घाटी।

फूलों की घाटी
फूलों की घाटी गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित है। यह खूबसूरत घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है। फूलों की घाटी को यूनेस्को ने 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था। फूलों की घाटी में 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं।

मसूरी की खूबसूरत वादियां।

मसूरी
मसूरी को “क्वीन ऑफ द हिल्स” के नाम से भी जाना जाता है। मसूरी की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 7000 फीट है। यही वजह है कि प्राकृतिक नजारों के शौकीन लोगों को यह स्थान बहुत लुभाता है।

देश-दुनिया के सैलानियों को आकर्षित करती नैनीताल की झील।

नैनीताल
नैनीताल उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में स्थित है। नैनीताल को झीलों के शहर के नाम से भी जाना जाता है। यहां खूबसूरती वादियों के बीच नैनी झील बरबस ही सैलानियों को आकर्षित करती है। इसके अलावा माल रोड, स्नोव्यू, राजभवन, हिमालय दर्शन जैसे स्थानों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है।

अल्मोड़ा में स्थित गोलू देवता का विश्व प्रसिद्ध मंदिर।

अल्मोड़ा
अल्मोड़ा उत्तराखंड की खूबसूरत हिल स्टेशन में से एक है। यहां की बाल मिठाई देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध चितई मंदिर अल्मोड़ा जिले में ही स्थित है। बता दें चितई मंदिर गोलू देवता का मंदिर है। गोलू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है, यही वजह है कि इस मंदिर के दर्शन के लिए देश-दुनिया से लोग पहुंचते हैं।

बर्फबारी के बीच औली का खूबसूरत नजारा।

औली
औली को भारत के मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है। औली उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यहां पर हर साल हजारों सैलानी आते हैं। औली की खूबसूरत वादियों के बीच बर्फबारी आकर्षण का केंद्र रहती है।

रानीखेत के गोल्फ मैदान में चहलकदमी करते पर्यटक।

रानीखेत
कुमाऊं में स्थित रानीखेत का नाम कुमाऊं की रानी पद्मिनी के नाम पर पड़ा है। उनके पति राजा सुधादेव ने रानी के लिए इस हिल स्टेशन पर एक महल बनवाया था। हालांकि अब ये महल मौजूद नहीं है लेकिन यहा सुंदर घास के मैदान और सेब के बाग लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। रानीखेत भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट का मुख्यालय है और शाम के समय छावनी क्षेत्र की सैर करना अनोखा अनुभव देता है।

विश्व प्रसिद्ध कार्बेट पार्क में जंगली जानवरों का दीदार करते पर्यटक।

रामनगर
रामनगर कुमाऊं क्षेत्र और नैनीताल जिले में बसा एक शहर है। यह जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत के सबसे पुराने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में हैली नेशनल पार्क के रूप में गई थी। इस पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर की लुप्तप्राय प्रजातियों का निवास स्थान है। यहां सीताबनी मंदिर और गिरिजा देवी मंदिर आकर्षण का केंद्र है। रामनगर की लीची और आम का स्वाद देश-दुनिया में प्रसिद्ध है।

केदारनाथ धाम।

केदारनाथ और बद्रीनाथ
उत्तराखंड के चार धामों में शुमार केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम अटूट आस्था के केंद्र हैं। केदारनाथ मंदिर चोराबाड़ी ग्लेशियर और केदारनाथ की चोटियों से घिरा हुआ है। केदारनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से लगभग 11,746 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चारों धामों में सर्वाधिक ऊंचाई वाला धाम है। केदारनाथ धाम शिव के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक है।

बद्रीनाथ धाम।

बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के किनारे समुद्र तल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अलकनंदा नदी इस मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगाती है। इस मंदिर को बद्रीनारायण के नाम से जाना जाता है। यह भारत चार धाम और पंच बद्री में भी शामिल है। यह मंदिर नर व नारायण नाम के दो पर्वतों के मध्य में स्थित है।

ऋषिकेश का खूबसूरत नजारा।

ऋषिकेश
ऋषिकेश हिमालय की तलहटी में बसा कई प्राचीन और भव्य मंदिरों की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां योग आश्रम और एडवेंचर एक्टिविटीज भी हर किसी को अपनी ओर खींचती हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऋषिकेश साहसिक खेलों की वजह से काफी विकसित हुआ है।

हरिद्वार में हर की पौड़ी का विहंगम दृश्य।

हरिद्वार
हरिद्वार को देश के सात सबसे पवित्र शहरों में शुमार होने का गौरव हासिल है। हरिद्वार उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में गंगा नदी के तट पर स्थित है। हरिद्वार शहर अपने आश्रमों, मंदिरों और पावन गंगा घाटों की वजह से देश-दुनिया के लोगों को आकर्षित करता है। यहां प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।

कैसे पहुंचें

वायु मार्ग से
राज्य का सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्‌डा देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहां से दिल्ली के लिए नियमित उड़ानें हैं। इसके अलावा कुमाऊं क्षेत्र में पंतनगर एयरपोर्ट है, जहां घरेलू विमान सेवाएं उपलब्ध हैं।

रेल मार्ग से
राज्य में सिर्फ 345 किमी. रेलवे ट्रैक है। नैनीताल से 35 किमी दूर काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो उत्तर-पूर्वी रेलवे का करीब-करीब अंतिम स्टेशन है। यह नैनीताल को देहरादून, दिल्ली और हावड़ा से जोड़ता है। राज्य के पंतनगर, लालकुआं और हल्द्वानी में भी रेल सुविधा उपलब्ध है। देहरादून और हरिद्वार राज्य के दो प्रमुख स्टेशन हैं, जो देश के अधिकतर शहरों और हिस्से से जुड़े हुए हैं। ऋषिकेश, रामनगर और कोटद्वार में भी रेल सुविधा उपलब्ध है।

बस मार्ग से
राज्य में सड़कों का जाल अच्छी तरह फैला हुआ है। यहां 28,508 किमी सड़कों का जाल है। इसमें से 1,328 किमी सड़क नेशनल हाइवे और 1,543 किमी. स्टेट हाइवे के अंतर्गत आता है। सड़क मार्ग के लिए उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन बसें चलाता है। निजी ऑपरेटर भी बस, टैक्सी जैसी सुविधाएं देते हैं। राज्य के हर प्रमुख स्थान तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

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