आईएलओ का डराने वाला आंकड़ा: 2022 में 20 करोड़ लोग हो सकते है बेरोजगार, श्रम विभाग ने जताई चिंता

आईएलओ का डराने वाला आंकड़ा: 2022 में 20 करोड़ लोग हो सकते है बेरोजगार, श्रम विभाग ने जताई चिंता

नई दिल्ली। कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है। महामारी के बीच दुनियाभर में छोटे व्यापारों के बंद होने का सिलसिला जारी रहा है। लगातार छोटे व्यापार बंद होते जा रहें है। इसका असर यह हुआ है कि लगभग सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) …

नई दिल्ली। कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है। महामारी के बीच दुनियाभर में छोटे व्यापारों के बंद होने का सिलसिला जारी रहा है। लगातार छोटे व्यापार बंद होते जा रहें है। इसका असर यह हुआ है कि लगभग सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट में भविष्य को लेकर कुछ और डराने वाली बातें सामने आई हैं। इसमें कहा गया है कि बेरोजगारी की यह मार 2023 तक जारी रह सकती है। 2022 में ही इसके चौकाने वाले आकड़े सामने आने लगे हैं।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी कम से कम दो और साल यानी 2023 तक रोजगारों का आंकड़ा कोरोना महामारी के पहले के स्तर पर नहीं लौट पाएगा। यानी बेरोजगारी अभी इसी स्तर पर बनी रहेगी। आईएलओ के मुताबिक, 2022 में दुनियाभर में बेरोजगारों का आंकड़ा 20 करोड़ 70 लाख के करीब होगा। यह संख्या 2019 के 18 करोड़ 60 लाख बेरोजगारों के मुकाबले दो करोड़ 10 लाख ज्यादा है। इस रिपोर्ट से संगठन ने महामारी के बड़े प्रभाव का उजागर किया है।

अगर महामारी जारी रही तो अर्थव्यवस्था की रिकवरी धीमी और अनिश्चित हो सकती है, जिससे दुनियाभर के श्रम बाजारों पर जबरदस्त असर पड़ेगा। इसमें यह भी बताया गया है कि वैश्विक बेरोजगारी 2023 तक कोरोना महामारी के पहले के दौर से ज्यादा रहेगी। जिसका असर सभी देशों पर पड़ने वाला है।

संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी ने 2022 में भी श्रम बाजार की रिकवरी की संभावना को नीचे किया है। माना जा रहा है कि आईएलओ कोरोनावायरस के मौजूदा दो वैरिएंट्स- डेल्टा और ओमिक्रॉन के असर को लेकर आशंकित है। ऐसे में लोगों के काम पर लौटने की संभावना भी अभी अनिश्चितताओं के दौर में है। आकड़े के हिसाब से लोग कोरोना के कहर से कम बेरोगारी से ज्यादा प्रभावित रहेगें।