मुरादाबाद : ट्रेन की चपेट में आकर मजदूर की मौत

मुरादाबाद : ट्रेन की चपेट में आकर मजदूर की मौत

मुरादाबाद, अमृत विचार। हकीमपुर रेलवे स्टेशन पास गुरुवार सुबह ट्रेन की चपेट में आकर मजदूर की मौत हो गई। स्टेशन मास्टर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। मृतक के परिवार में कोहराम मचा है। सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के गांव सलेमपुर निवासी ओमपाल सिंह सैनी मजदूरी करते हैं। …

मुरादाबाद, अमृत विचार। हकीमपुर रेलवे स्टेशन पास गुरुवार सुबह ट्रेन की चपेट में आकर मजदूर की मौत हो गई। स्टेशन मास्टर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। मृतक के परिवार में कोहराम मचा है।

सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के गांव सलेमपुर निवासी ओमपाल सिंह सैनी मजदूरी करते हैं। उनकी पत्नी शीला की करीब 11 साल पूर्व मौत हो गई थी। उनके दो बेटे 19 वर्षीय सत्यम और 13 वर्षीय शिवम हैं। ओमपाल सिंह ने बताया कि आठवीं तक पढ़ा-लिखा सत्यम अमरोहा में बेलदारी करता था। वह उनकी बाइक भी ले गया था। इस वजह से उन्हें मजदूरी पर जाने में दिक्कत हो रही थी। पिता के कहने पर बुधवार की शाम सत्यम बाइक पहुंचाने के लिए गांव आया था। गुरुवार सुबह वह अमरोहा जाने कहकर घर से निकला था।

इसके लिए उसे हकीमपुर फाटक से बाइपास के वाहन पकड़ना था। इसके लिए वह रेलवे ट्रैक पर पैदल ही हकीमपुर फाटक की ओर जा रहा था। इस दौरान सामने से ट्रेन आ गई। यह देख सत्यम दूसरे ट्रैक पर चला गया। मगर तभी पीछे से भी ट्रेन आ गई। इसकी चपेट में आकर सत्यम के शरीर के चिथड़े उड़ गए। उसका सिर और हाथ कटकर शरीर से अलग हो गया। ट्रेन चालक ने तत्काल हकीमपुर के स्टेशन मास्टर को सूचना दी। उन्होंने पुलिस को बताया। इस बीच जानकारी पाकर परिजन भी रोते-बिलखते मौके पर पहुंच गए। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद पाकबड़ा पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। जवान बेटे की मौत से पिता और छोटे भाई का रो-रोकर बुरा हाल है।

पिता ने मां बनकर किया था दोनों बेटों का पालन-पोषण
सत्यम के पिता ओमपाल सिंह सैनी ने बताया कि जब उनकी पत्नी शीला की मौत हुई तब सत्यम आठ और शिवम मात्र दो साल का था। अपने बच्चों की खातिर उन्होंने दूसरी शादी भी नहीं की। बच्चों के लिए खाना बनाकर मजदूरी करने जाता था। रात को फिर आकर खाना बनाता था। कभी भी दोनों बेटों को मां की कमी महसूस नहीं होने दी। सत्यम को आठवीं तक पढ़ाया भी। मगर उसने पढ़ाई छोड़ दी और मेरा हाथ बंटाने के लिए मजदूरी करने लगा। बताया कि मैने जिंदगी में दुखों के सिवाए कुछ नहीं देखा। भगवान ने पहले पत्नी छीन ली और अब जवान बेटे को छीन लिया।