मुरादाबाद : डीएनए के साथ ही आग्नेय अस्त्रों की भी होगी प्रयोगशाला में जांच

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद में खुली प्रदेश की बी कैटगरी की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में अब अन्य जांचों की भी सुविधा बढ़ेगी। डीएनए के बाद अब आग्नेय अस्त्र व मेडिकोलीगल अनुभाग को खोलने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि दोनों अनुभाग खोलने के अनुमति शासन से पहले ही मिल गई थी। लेकिन, स्टाफ व बजट …
मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद में खुली प्रदेश की बी कैटगरी की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में अब अन्य जांचों की भी सुविधा बढ़ेगी। डीएनए के बाद अब आग्नेय अस्त्र व मेडिकोलीगल अनुभाग को खोलने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि दोनों अनुभाग खोलने के अनुमति शासन से पहले ही मिल गई थी। लेकिन, स्टाफ व बजट की कमी के कारण प्रोजेक्ट लटका हुआ था। काफी समय पहले स्टाफ के साथ ही बजट के लिए भेजे गए अनुमोदन को शासन ने मंजूरी दे दी थी। अब जांच के लिए स्थानीय अधिकारी उपकरण खरीदने में जुट गए हैं।
शासन से जांच के लिए 12 अनुभागों को मिली थी मंजूरी
पहले मुरादाबाद व बरेली मंडल के अनसुलझे मामलों लखनऊ व आगरा लैब भेजे जाते थे। इन लैबों में नमूने अधिक आने के कारण रिपोर्ट आने में सालों का वक्त लग जाता था। यही वजह थी कि काफी समय पहले शासन से मुरादाबाद में विधि विज्ञान प्रयोगशाला को खोलने की मंजूरी मिल गई थी। शासन ने भौतिकी, प्रलेख, रसायन, विष, बायोलाजी, सीरोलाजी, कंप्यूटर फारेंसिक, क्राइम सीन मैनेजमेंट, फोटोग्राफर, आग्नेय शस्त्र, डीएनए व मेडिकोलीगल विभाग को खोलने की मंजूरी दे दी गई थी। हालांकि शुरुआती चरण में केवल नौ अनुभाग ही यहां पर संचालित हो सके। इन अनुभागों में बिसरा, जहर के मामले, रेप की स्लाइड, खून से संबंधित और नशीले पदार्थो की जांच होती है।
लखनऊ और आगरा स्थित लैब की नहीं लगानी पड़ेगी दौड़
अनुमति मिलने के बाद भी बंद पड़े आग्नेय अस्त्र व मेडिकोलीगल विभाग के खुलने की उम्मीद बढ़ गई है। शासन ने काफी समय पहले इसके लिए बजट की जानकारी मांगी थी। इसके बाद डीपीआर भी भेज दी गई थी। आचार संहिता लगने से पहले शासन ने इस अनुमोदन को मंजूरी दे दी थी। लिहाजा स्थानीय स्तर पर उपकरण खरीदने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले माह से लखनऊ और आगरा स्थित लैब की दौड़ लगाने से मुक्ति मिल जाएगी।
शासन से पहले ही मेडिकोलीगल व आग्नेय शस्त्र अनुभाग खोलने की अनुमति मिल चुकी थी। अब बजट के लिए डीपीआर बनाकर शासन को काफी समय पहले ही भेज दिया गया था। अब विभाग खोलने की तैयारी चल रही है। -कपिल देव, उप निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला