कोवैक्सीन को लेकर बड़ा दावा: वैक्सीन की बूस्टर डोज नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को करती है निष्क्रिय

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर एक बड़ा दावा किया गया है। कोवैक्सीन को बनाने वाली भारत बायोटेक कंपनी का कहना है कि बूस्टर डोज पर होने वाले शुरूआती दिनों में पता चला है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक कोराना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट …
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर एक बड़ा दावा किया गया है। कोवैक्सीन को बनाने वाली भारत बायोटेक कंपनी का कहना है कि बूस्टर डोज पर होने वाले शुरूआती दिनों में पता चला है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक कोराना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट को निष्क्रिय करने में सक्षम है। हालांकि अभी भी इस पर लगातारा शोध चल रहे है।
दरअसल, कोवैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक का कहना है कि डोज लेने वालों से 90 फीसदी में कोरोना के खिलाफ (दूसरी खुराक के 6 महीने बाद) मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखी गई। वहीं, इससे पहले भारत बायोटेक ने यह भी कहा था कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज के उसके परीक्षणों में बिना किसी गंभीर प्रतिकूल घटना के लंबी अवधि के लिए सुरक्षित दिखाया।
किशोरों को भी लगाई जा रही कोवैक्सीन
15 से 18 वर्ष के किशोरों का टीकाकरण भी कोवैक्सीन से ही किया जा रहा है। कंपनी का दावा है कि दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन में पता चला कि उनकी वैक्सीन सिर्फ 15 से 18 साल नहीं बल्कि 2 से 18 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों के लिए सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अध्ययन में यह भी पता चला कि बच्चे और किशोर इसे आसानी से सहन कर सकते है और इससे उनकी इम्युनिटी भी बढ़ती है।